रेवांचल टाईम्स : - मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदी किए करीब 1 माह हो गए हैं।
परंतु आधे किसानों को गेहूं की राशि आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हो पाई है। किसान प्रतिदिन बैंकों के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं।किसानों को मोबाइल पर मैसेज आ रहे हैं कि, आपका आधार नंबर खाते से लिंक नहीं है।
इस कारण आप के खाते में रुपए ट्रांसफर नहीं हो पा रहे हैं। तो कभी मैसेज आता है, आपके खाते की लिमिट कम है, इस कारण आप के खाते में रुपए ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।
जबकि किसानों के बैंक खाते से आधार नंबर भी लिंक है, और लिमिट भी है।
किसानों का कहना है कि, पूर्व वर्षो में हमारे उसी खाते में धान व गेहूं की राशि प्राप्त हुई थी, और इस वर्ष किसानों को अनावश्यक गुमराह किया जा रहा है।
पूर्व के वर्षों में किसानों को भुगतान संबंधी कोई परेशानी इस प्रकार नहीं हुई थी।
किंतु इस वर्ष 22-23 में किसान इतना परेशान हो गया है कि, आत्महत्या तक करने की मंशा बना रहा है।
किसानों का कहना है
धान, सोयाबीन, मक्का की आगामी फसल के लिए खाद बीज शादी विवाह अन्य कार्यों के लिए रुपए की जरूरत है।
पूर्व में गेहूं की फसल के लिए उधारी कर्ज लिया था उसे भी चुकाना है।
सांथ ही किराना, कपड़ा, सहिंत अन्य लेनदेन एवं अन्य कार्यों के लिए रुपए की जरूरत पड़ती है और सरकार व बैंक के द्वारा नित नए नियम कानून बताकर किसानों को मैसेज भेज कर परेशान कर गुमराह किया जा रहा है।
किसानों के द्वारा सीएम हेल्पलाइन 181 पर भी शिकायत की गई है, परंतु कोई हल आज तक नहीं निकल पाता नजर आ रहा है। आखिर कब तक बैंक के चक्कर काटते रहेंगे किसान।
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