भोपाल। भोज विश्वविद्यालय के कुलपति जयंत सोनवलकर के खिलाफ करोड़ों रुपयों की आर्थिक अनियमितताएं को लेकर गुरुवार को ईओडल्यू ने शिकायत दर्ज कर ली है। इस संदर्भ में ईओडल्यू ने कुलपति सोनवलकर और शिकायतकर्ता के बयान भी दर्ज किए हैं। बताया गया है कि ईओडब्ल्यू ने इस संबंध में आडिट विभाग मप्र शासन, राजभवन एवं उच्च शिक्षा विभाग के प्रमाणित दस्तावेजों आदि को आधार बनाते हुए कार्रवाई की है।
इसमें यह बात सामने आई है कि पिछले दो वर्षों से भोज विवि में किए जा रहे आर्थिक घोटालों में छह करोड़ का सुरक्षा एजेंसी घोटाला सामने आया है। विवि में कार्यरत लगभग 150 कर्मचारियों के खातों में निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ईपीएफ और कर्मचारी बीमा राशि जमा नही करने पर भी सुरक्षा एजेंसियों को अवैध भुगतान कर दिया, जबकि पिछले पांच वर्षों के आडिट प्रतिवेदनों में भी ये आपत्ति यथावत है कि कर्मचारियों के इन खातों में राशि जमा न होने पर निजी सुरक्षा एजेंसियों को भुगतान न किया जाए
लेकिन रिश्वतखोरी के आधार पर निजी सुरक्षा एजेंसियों को रोकी गई राशि भुगतान की गई है। ये घोटाला पिछले पांच वर्षों में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान आकस्मिक मौतें और कुछ कर्मचारियों को गंभीर बीमारियां होने के कारण उनको ईएसआईसी द्वारा कोई बीमा राशि नहीं दी और इन कमर्चारियों के बीमा खातों में कोई राशि जमा होना ही नहीं पाई गई। विश्वविद्यालय में कार्यरत एवं सेवा से बाहर किए गए कर्मचारियों ने कोरोना के दौरान आर्थिक तंगी के चलते जब ईपीएफ राशि प्राप्त करना चाही तो उनके खातों में ये राशि जमा ही नहीं पाई गई।
इन अनियमितताओं के संबंध में विश्वविद्यालय प्रबंधन बोर्ड की स्वीकृति बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। यदि उक्त प्रकरणों की जांच हो जाये तो आर्थिक अनियमितताएं और रिश्वतखोरी स्वतः सामनें आ जाएंगी। उक्त घोटालों की जांच कुलपति सोनवलकर द्वारा रिश्वत कें अलावा और कोई आधार पर नही रोकी जा सकती। हालांकि इस मामले में कुलपति जयंत सोनवलकर का कहना है कि सभी आरोप झूठे हैं। जांच के बाद सभी तथ्य सामने आएंगे।
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