रेवांचल टाइम्स - अंजनियां से लगभग 8 किलोमीटर दूरी ग्राम दिवारा में घोर संकट से बचने के लिऐ कहा जाता हैं- रक्षा करो बचाओ और मुझे कष्ट से उबारो.. ऐसा कहना हैं मंडला के दिवारा गाँव के महिला पुरुष और बच्चो क़ा... जो कीं एक सूखी नदी मे एक घुट पानी पाने क़ी जुगत मे गड्ढा खोद रही हैं..इस पानी से उन्हे पानी पीना भी हैं..नहाना भी हैं और जानवरो क़ो भी जीवित रखना भी हैं..
देखिये खास रिपोर्ट...
वी/ओ- 01- मंडला से महज 15 किलो मीटर दुर हैं ये दिवारा ग्राम पंचायत जहाँ के लोग़ कई वर्षों से पानी कीं समस्या से जुझ रहें हैं.. प्रधानमंत्री कीं नल जल योजना के क्रियान्वयन कीं जमीनी हकीकत यहा दिखाई देती हैं... लोग़ गाँव से आधे किलोमीटर दुर अपने पूरे परिवार समेत इस सुरपन नदी पर पहुंचते हैं.. किसी के हाथ मे गंजी तो किसी के हाथ मे गुंडि तो किसी के हाथ मे बाल्टी.. पानी कीं जुगत मे पूरा परिवार लगा रहता हैं..
और इन समस्याओ कीं मूल वजह गाँव मे पानी कीं समस्या..क्युकी इस गाँव मे 2 हजार के करीब जनसंख्या हैं
लेकिन पानी कीं समस्या बरकरार हैं.. ज्यादातर लोग़ मजदूरी और नदी के पास कछार लगाकर अपने परिवार क़ा पालन पोषण करते हैं..लेकिन कछार भी सुख गऐ पूरा परिवार इन सब्जियों क़ो बेचकर चलता था आज पानी ना होने कीं वजह से परेशान हैं.. क्यु की अब तो नदी मे झिरिया खोदकर उसे उगती सब्जी मे डालना होगा.. गाँव के पुरुष रोजी रोटी कीं तलाश मे शहर क़ी ओर कूच कर जाते हैं.. लेकिन महिलाओ क़ो असली जिम्मेदारी परिवार क़ी उठानी पड़ती हैं वे पानी कीं समस्या क़ो लेकर धूप छाव ना देखकर नदी कीं ओर जाती हैं.. और नदी मे झिरिया बनाकर पानी लेकर अपने घर पहुंचती हैं..
वही गाँव के जानवरो के लिऐ पानी पीने कीं समस्या हैं नदी मे पानी पीने के लिऐ पानी नही..
वी/ओ-02- ग्रामीणो कीं माने तो करीब 4 लाख से ज्यादा क़ा प्रधानमंत्री नल जल योजना क़ा कार्य दिवारा गाँव मे करवाया गया था.. और दो-तीन वर्ष पहलें ठेकेदार द्वारा ग्राम पंचायत क़ो हैंड
ओवर कर दिया गया लेकिन समस्या जस कीं तस हैं..
आज भी सूखे नल हैं अब तक पानी कीं एक बूंद भी नही आई..
वही ग्राम पंचायत के सचिव गोल मोल जवाब देते नजर आये उन्हे नहीं पता कीं गाँव मे समस्या हैं एक वर्ष पहलें पी. एच. ई. क़ो इस बारे मे जानकारी
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