रेवांचल टाइम्स: होली को खुशियों और रंगों का त्योहार कहा जाता है. फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाए जाने वाला यह त्योहार बेहद ही खास और जीवन में उत्साह लाने वाला है. होली से 1 दिन पहले होलिका दहन के दिन हनुमान जी की खास पूजा की जाती है. वहीं महालक्ष्मी और भगवान विष्णु भी अपनी कृपा बरसाते हैं. ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और जरूरी मंत्रों के बारे में जानना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि होलिका दहन की पूजा (Holika Dahan Puja) किस समय की जा सकती है और किन मंत्रों का उच्चारण करके अपने जीवन में सुख समृद्धि लाई जा सकती है. पढ़ते हैं आगे…
होलिका दहन से जुड़े विशेष मंत्र
।।। अहकूटा भयत्रस्तै:कृता त्वं होलि बालिशै: अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम: ।।।
इस मंत्र का जप करके यदि होलिका दहन को अर्ध्य दिया जाए तो न केवल रोगों से मुक्ति मिल सकती है बल्कि घर में सुख समृद्धि भी आती है. कहते हैं इस मंत्र के जप के दौरान नारियल, कच्चा आम, चीनी से बने खिलौने, गेहूं, चना, जौ आदि भी अर्पित करने चाहिए.
।।। गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अल्प काल विद्या सब पाई ।।।
इस मंत्र का जप करने से सफलता और विद्या दोंनों का वरदान मिलता है. इस मंत्र की 108 माला करने से विशेष लाभ मिलता है.
।।। ऊं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीमेव कुरु-कुरु वांछितनेव ह्रीं ह्रीं नमः ।।।
इस मंत्र का जप करने से व्यापार में तरक्की और आर्थिक स्थिति ठीक होती है. ऐसे में होलिका दहन के दौरान 108 बार इस मंत्र को पढ़कर आहुति दें.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन की तिथि – 17 मार्च, गुरुवार
पूर्णिमा का प्रारंभ – 17 मार्च, दोपहर डेढ़ बजे
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त – शाम 9:20 – रात्रि 10:31 तक
कुल घंटे – एक घंटा 10 मिनट का समय होलिका दहन के लिए मिलेगा
रंगभरी होली की तिथि – 18 मार्च, दिन शुक्रवार
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है.रेवांचल टाइम्स इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.
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