रेवांचल टाइम्स - वर्ष 2014के मामले में केवल चल रही है जांच प्रशासनिक अधिकारियों की महरवानी नही तो क्या...?
सिवनी- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में सुशासन लाना चाहते हैं और हर भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही कर पूरे प्रशासनिक तंत्र को मजबूत बनाकर प्रदेश में सुशासन लाने की मनसा रखते है! परंतु प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं! मामला सिवनी जिले के राजस्व विभाग से संबंधित है जहां 2014 में तत्कालीन धनोरा पटवारी दिनेश पटले के द्वारा सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की पद मुद्रा पर स्वयं के हस्ताक्षर कर बीएलओ बदलने के मामले में शिकायत हुई और शिकायत की जांच में तत्कालीन घंसौर अनुविभागीय अधिकारी रजनी वर्मा के द्वारा की गई जांच में पटवारी दिनेश पटले दोषी पाए गए!
परंतु मामले पर प्रशासन ने दोषी पटवारी पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जिस कारण शिकायतकर्ता ने पुनः उच्च अधिकारियों को शिकायत प्रेषित की जहां दिनेश पटले पर जिला कलेक्टर सिवनी के द्वारा विभागीय जांच शुरू कर दी गई दिनेश पटेल वर्तमान में सिवनी तहसील में पदस्थ हैं वही पटवारी दिनेश पटले की विभागीय जांच की कमान सिवनी तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी सिवनी को पिछले छै: माह पहले सौंपी गई है
फिर भी अभी विभागीय जांच पूरी नहीं हो सकी है यही कारण है कि पटवारी दिनेश पटले को बचाने पिछले 7 वर्षों से अधिकारी लगे हुए हैं और अनुविभागीय अधिकारी घंसौर की जांच में दोषी पाए जाने वाले पटवारी पर प्रशासन कार्रवाई नहीं कर पा रहा है कहीं ना कहीं पटवारी दिनेश पटले की दबंगई अधिकारियों
पर भारी पड़ रही है पिछले 7 वर्षों से चली आ रही जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी विभागीय जांच पिछले छे: महीनों से चल रही है और ना जाने और कितने छै: महीने और लगेंगे !
ना केवल प्रशासनिक अधिकारी बल्कि दफ्तरों में बैठे और भी कर्मचारियों के साथ पटवारी दिनेश पटले के मधुर संबंध हैं
जो दोषी पटवारी पटले को बचाने में मदद करते रहते हैं चाहे विभागीय जांच हो या फिर घंसौर में चल रही जांच में भी बहुत से तहसील कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा दोषी पटवारी दिनेश पटले की कई प्रकार से मदद की गई परंतु निष्पक्षता से तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी घंसौर रजनी वर्मा के द्वारा की गई जांच में दिनेश पटेल पटवारी दोषी पाए गए
परंतु दोषी पाए जाने के बावजूद कर्मचारियों की मदद से दोषी पटवारी दिनेश पटले की फाइल उच्च अधिकारियों की टेबल तक नहीं पहुंच पाई और यही कारण है की पटवारी पर कार्रवाई नहीं हो सकी वही पुनः शिकायत के बाद वर्तमान जिला कलेक्टर राहुल हरिदास फिटिंग जी के द्वारा उक्त मामले पर विभागीय जांच शुरू करा दी गई और पहले की ही भांति सिवनी तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू केजीओ दिनेश उईके ने भी विभागीय जांच में पटवारी दिनेश पटले की पूरी तरह से मदद की है वह भी ऐसे की विभागीय जांच में गवाहों के बयान लिए बगैर उन्हें भगा दिया गया था जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता जहान सिंह मर्सकोले के द्वारा लिखित तौर पर जिला कलेक्टर सिवनी को की गई थी अब इस पूरे मामले पर आप समझ ही गए होंगे कि पिछले सात वर्षों से चली आ रही एक पटवारी की जांच कब तक पूर्ण होगी यह कहना मुश्किल होगा भले ही जांच में पटवारी को बचाने तहसील के कई कर्मचारी लगे हुए हो परंतु यदि निष्पक्षता की जांच में पटवारी दोषी पाया गया है तो जिला कलेक्टर को इस पूरे मामले में अति शीघ्र संज्ञान लेते हुए दोषी पटवारी पर कार्यवाही करने की आवश्यकता है क्योंकि एक गंभीर मामले में की गई जांच में पटवारी दोषी पाया जा चुका है और विभागीय जांच पिछले छे: महीनों से चल रही है उक्त जांच को भी अति शीघ्र पूर्ण कराते हुए जांच के निष्कर्ष पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता हैl ""
"" गंभीर विषय है कि पिछले चार- पांच सालों से केवल जांच ही चल रही है जबकि घंसौर एसडीएम मैडम की जांच में पटवारी दिनेश पटले दोषी पाया गया पर कार्रवाई नहीं हुई जबकि अन्य किसी मामलेे में घंसौर की महिला पटवारी और केवलारी के पटवारी पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है परन्तु दिनेश पटले पटवारी पर प्रशासन क्यों मेहरबान है पता नहीं ,दिनेश पटले पटवारी को भी बर्खास्त करना चाहिए""
जहान सह मर्सकोले-उपाध्यक्ष जनपद पंचायत धनोरा जिला सिवनी
""दिनेश पटले की जांच मेरे ख्याल से तहसीलदार कर रहे होंगे... धनोरा वाले शिकायतकर्ता एक बार मेरे पास आये तो थे तो मुझे ये तो मालूम है कि कोई पुरानी जांच चल तो रही है शायद पियूष दुबे तहसीलदार ही कर रहे होंगे"" अंकुर मेश्राम एसडीएम सिवनी
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