गुना. बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण प्रदान करने के लिए अनूठी पहल शुरू की जा रही है, जिसके तहत अब प्राइमरी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को स्कूल में गुड़ की चिक्की मिलेगी, इससे एक तरफ बच्चों को स्वास्थ लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी और महिलाएं रोजगार से जुडेंगी। नीति आयोग ने इस परियोजना को स्वीकृति भी प्रदान कर दी है।
शासकीय प्राइमरी स्कूल में पढऩे वाले बच्चोंं के लिए अच्छी खबर है कि उन बच्चों को अगले शैक्षणिक सत्र से मध्यान्ह भोजन के साथ सप्ताह में पोषण के रूप में तीन दिन गुड़ की चिक्की भी खाने को मिलेगी। चिक्की प्रदाय करने की परियोजना को कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए के प्रयास से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। डेढ़ करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट से छह क्लस्टर से जुडऩे वाली महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।
कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने बताया कि चिक्की बनाने की परियोजना को स्वीकृति मिल गई है, इसको बनाने के लिए आवश्यकतानुसार मशीनों को खरीदा जाएगा। चिक्की बनाने का काम महिला स्व सहायता समूह के जरिए कराया जाएगा। जिले में छह क्लस्टर इस परियोजना को संचालित करेंगे। इसका उद्देश्य बच्चों को पोषण के रूप में चिक्की उपलब्ध कराना है और इसके साथ-साथ महिला स्व सहायता समूह के जरिए महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर आत्म निर्भर भी बनाना है।
कलेक्टर का कहना था कि यह परियोजना से पांच विकासखण्डों के शासकीय प्राइमरी स्कूलों में अध्ययनरत 82 हजार 715 स्कूलों को मध्यान्ह भोजन में हफ्ते में तीन दिन गुड़ की चिक्की पोषण आहार के रूप में मिलेगी।
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