रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बैगा किसान हरेसिंह बैगा की जमीन पर पुलिस ने पहले तो चौकी बना दी फिर उसके बाद उसकी जमीन पर टावर भी लगा दिया। किसान को पहले तो 21 हजार रूण् किराया भी प्रतिमाह दिया जाता रहा लेकिन पिछले तीन चार माह से वह भी नहीं मिल रहा है। किराया मांगे जाने पर पुलिस के अधिकारी गोल.मोल जवाब देते है। आदिवासी बैगा किसान इस बारे में कई अधिकारियों से मिन्नते कर चुका है लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। परेशान होकर इस आदिवासी किसान ने अब पूर्व विधायक किशोर समरीते को एक शिकायती पत्र सौंपा है। और न्याय दिलाने की मांग की है। वहीं इस मामले में पूर्व विधायक किशोर समरीते ने कहा है कि मामले की जांच होनी चाहिए अभी तक किसान को जो किराया मिल रहा था वह अब किसकी जेब में जा रहा हैघ् आदिवासी बैगा किसान का शोषण करने वाले अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को इस बारे में विशेष ध्यान देना चाहिए चूंकि बैगा जनजाति मध्यप्रदेश की विशेष संरक्षित जनजाति है।
हरेसिंह बैगा ने जमीन वापस दिलाये जाने लगाई गुहार
जनपद पंचायत लांजी अंतर्गत देवरबेली पंचायत के ग्राम संदूका में एक आदिवासी व्यक्ति ने पुलिस प्रशासन पर उसकी पट्टे की भूमि एवं टेलीफोन टावर लगाये जाने भूमि वापस नहीं करने का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक किशोर समरीते से उसे उसकी भूमि वापस दिलाये जाने की मांग की है। हरेसिंह पिता सुंदरलाल जाति बैगा निवासी ग्राम संदूका ने बताया कि उसकी ग्राम संदूका में 11 एकड़ 80 डिसमिल लगभग शासकीय पट्टे की भूमि है। जिस पर पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिस चौकी का निर्माण किया गया है। साथ ही शेष भूमि पर टावर खड़ा किया गया है जिसका उसे एक वर्ष का 21 हजार रूपए का किराया दिया गया है एवं वर्तमान में 4 महीनों से किराया भी नहीं दिया जा रहा है। किराया मांगे जाने पर पुलिस अधिकारियों द्वारा किराया नहीं दिये जाने की बात कही जा रही है। जिस पर पुलिस अधिकारियों से पूछने पर जमीन के लिये लड़ाई करने की बात को लेकर किराया बंद किये जाने की बात कही जा रही है। हरेसिंह ने बताया कि उसकी शासकीय पट्टे की भूमि जिसका खसरा क्रमांक 0.853 तथा वनविभाग द्वारा हरेसिंह पिता सुंदरलाल के नाम पर जिला जनजाति कल्याण अधिकारी तथा वनमंडल अधिकारी वनसंरक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा उसे प्रदान किया गया है। जिसे तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी द्वारा पुलिस चौकी बना दी गई तथा टेलीफोन टावर लगा दिया गया जिस पर मेरे द्वारा विरोध किये जाने पर मेरे पूरे परिवार को नक्सलवादी बताकर जेल में डालने की धमकी दी जाती है जिससे पूरा परिवार डरा हुआ है।
बैगा जाति भारत सरकार की विशेष संरक्षति जाति- किशोर समरीते
हरेसिंह बैगा की जो भूमि है उसे तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। वहीं उक्त भूमि पर चौकी बनाने की प्रशासकीय स्वीकृति तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी द्वारा पूरी जमीन पर पुलिस चौकी बना दी गई। इस मामले में पूर्व विधायक किशोर समरीते ने कहा कि बैगा भारत सरकार की विशेष संरक्षित जाति है। बैगा जाति की जमीन को कोई अधिग्रहण नहीं कर सकताए न ही उसे बचेने की अनुमति कोई प्रदान कर सकता है। उनकी जमीन का डायवर्सन नहीं हो सकता ऐसे में बैगा किसान की भूमि पर चौकी बनाने के लिये पहले तो पुलिस अधीक्षक को वनविभाग से पट्टा निरस्त कराने की कार्यवाही की जानी चाहिए थी तथा विधिवत अनुमति लेनी चाहिए थी जो उनके द्वारा नहीं किया गया है। वहीं इस मामले में वनविभाग भी अब अपराध कायम के लिये तैयार हो गया है।
रेवांचल टाईम्स लांजी बालाघाट से खेमराज सिंह बनाफरे
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