मंडला 4 फरवरी 2022
जिला नाबार्ड प्रमुख अखिलेश वर्मा
ने बताया कि भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में फसलों के कटाई उपरांत बेहतर प्रबंधन
हेतु आधारभूत बुनियादी संरचनाओं के विकास तथा सामुदायिक कृषि पर आधारित संपत्ति
में निवेश को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड
(एआईएफ़) योजना प्रारम्भ की है। एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना अंतर्गत
हितग्राही को 3
प्रतिशत ब्याज अनुदान तथा भारत सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपये तक बैंक लोन पर परियोजना को कोलेटरल
गारंटी प्रदान की जाती है। योजना अंतर्गत 2 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएँ भी बैंकों द्वारा
स्वीकृत की जा सकेंगी परंतु ब्याज अनुदान एवं गारंटी अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक सीमित
होगी। योजना अंतर्गत पात्र गतिविधियों के अंतर्गत कम्यूनिटी ड्राईंग यार्ड, मॉडर्न सायलो, प्राइमरी प्रोसेसिंग, एसेयिंग यूनिट, सोर्टिंग एंड ग्रेडिंग
यूनिट, राइपिनिंग
चेंबर, वेक्सिंग
प्लांट, कोल्ड
स्टोरेज, इंटीग्रेटेड
पैक हाउस, स्मार्ट
एग्रीकल्चर एआई का उपयोग,
आधुनिक कृषि उपकरण, रेफ्रिजिरेटेड
ट्रांसपोर्टेशन आदि शामिल हैं।
सामुदायिक कृषि आधारित संपत्ति में
निवेश के तहत ओर्गेनिक इनपुट प्रॉडक्शन यूनिट, बायो स्टिमुलेंट यूनिट, सप्लाई चैन का आधुनिकरण परियोजनाएं, कस्टम हायरिंग सेंटर की
स्थापना, स्टैंड
एलोन सोलर पंपिंग सिस्टम,
और सोलराइजेशन ऑफ ग्रिड कनेक्टेड कृषि पम्प सेट तथा कम्प्रेस्ड बायो गैस यूनिट
आदि शामिल है। एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड योजना अंतर्गत पात्र गतिविधियां
यदि भारत सरकार द्वारा संचालित अन्य योजनाओं में कैपिटल सब्सिडी हेतु पात्र हैं को
भी इस योजना अंतर्गत कनवर्ज़ किया जा सकता है। योजना अंतर्गत पात्र हितग्राही अपना
आवेदन https://agriinfra.dac.gov.in/ पर
ऑनलाइन जमा कर सकते हैं अथवा सीधे संबन्धित बैंक शाखा या कृषि विभाग से संपर्क कर
सकते हैं। पात्र हितग्राहियों में कृषक, कृषि उद्यमी, स्व-सहायता
समूह, जॉइंट
लाईबिलिटी ग्रुप्स, पब्लिक
प्राइवेट पार्टनरशिप, कृषक
उत्पादक संघ, कंपनी, प्राथमिक कृषि सहकारी
समितियाँ, विपरण
सहकारी समितियाँ, स्टार्टअप्स
आदि शामिल हैं। भारत सरकार ने नए संशोधन में पात्र हितग्राहियों में कृषि उपज
मंडियों (एपीएमसी) को शामिल करने का निर्णय लिया है।
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