मंडला 8 फरवरी 2022
मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान
की गारंटी अधिनियम 2010
नागरिक अधिकारों को सशक्त बनाने का अभिनव प्रयास है। यह कानून मुख्यमंत्री द्वारा
प्रदेश में लागू किये गये सुशासन के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस
अधिनियम के अंतर्गत सेवाओं को प्राप्त करने के लिए आमजन को किसी की इच्छा पर
निर्भर नहीं रहना होगा बल्कि अधिनियम ने उनको सेवाओं के प्रदान करने की गारंटी दी
है। सेवाएँ प्राप्त करना अब आमजन का अधिकार है। इस अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक
चिन्हित सेवा को प्रदान करने के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। समय सीमा में
कार्य न करने या अनावश्यक बिलंब करने वाले अधिकारी कर्मचारी को दण्ड का प्रावधान
किया गया है।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के
अंतर्गत सर्वप्रथम 9
विभागों की 26
सेवाओं को शामिल किया गया था। अब वर्तमान में 47 विभागों की 563 सेवाएं चिन्हित की गई है। वर्तमान
में अधिसूचित 563
सेवाओं में से 350
सेवाओं के ऑनलाईन आवेदन लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से लिए जा रहे है। नागरिकों को
सरलतापूर्वक अधिसूचित सेवाएँ प्राप्त हो सके इसे ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा
लोक सेवा केन्द्र (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) खोले गए जिससे आवेदक अलग-अलग ऑफिस
में न जाकर एक ही स्थान पर विभिन्न विभागों की सेवाओं के आवेदन कर सकते हैं।
मण्डला जिले के अंतर्गत समस्त 9 विकासखंडों में 9
लोक सेवा केन्द्र संचालित है एवं वर्तमान में शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि
ऐसी ग्राम पंचायतें जिनकी आबादी 5000 से अधिक है वहाँ उपलोक सेवा केन्द्र प्रारंभ किए जाएं जिसके तारतम्य में
मण्डला जिले में प्रथम उपलोक सेवा केन्द्र का शुभारंभ किया गया है।
जिला प्रबंधक लोकसेवा ने बताया कि
लोकसेवा केन्द्रों के माध्यम से समाधान तत्काल के अंतर्गत 14 विभागों की 45 सेवाओं को सम्मिलित किया
गया है जिनका निराकरण मात्र 1 दिवस में किया जाएगा। आय, मूल निवासी, खसरा, नक्शा की प्रतिलिपि, जननी सुरक्षा योजना
स्वीकृत करना, इंदिरा
गांधी वृद्धावस्था, विधवा, निःशक्त पेंशन स्वीकृत
करना आदि जैसे 45
सेवाओं के आवेदनों का निराकरण मात्र 1 दिवस में किया जायेगा। इसके अतिरिक्त उर्जा 22, श्रम 20, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी 3, राजस्व 43, नगरीय प्रशासन 5, सामान्य प्रशासन 13, सामाजिक न्याय 15, खाद्य 29, लोक स्वास्थ्य 11 एवं अन्य विभागों की
चिन्हित सेवाओं के आवेदन उपलोक सेवा केन्द्र में प्राप्त किए जायेंगें एवं उन
आवेदनों का निराकरण संबंधित अधिकारी द्वारा समय-सीमा में किया जाकर केन्द्र के
माध्यम से ही सेवा प्रदान की जायेगी।
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