रेवांचल टाईम्स - मंडला आदिवासी बाहुल्य की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नही ले रहा ग्राम पंचायतों में योजनाओं में फर्जीवाड़ा तो आम बात है।
वही आज गांव में जो आवाज उठाने वाले को सरपंच पति देता है कानून और जादू टोना और वार्ड पंच के खिलाफ दर्ज करवा चुके है मामला
कहने को तो मुख्यमंत्री कहते है कि विकास हो रहा है मगर विकास सिर्फ सरपंच सचिव और पंचायत से जुड़े अधिकारियों का विकास और संपति में भारी इजफ़ा हो रहा है जो साइकिल से चलते थे आज उनके पास अकूक संपत्ति है मगर प्रशासन ऐसे सरपंच सचिव और अधिकारी के तरफ ध्यान नही दे रहा है ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत गौराछापर मुरली टोला में नवीन तालाब का निर्माण 2019/2020 में हुआ है स्वीकृति राशि 2488000चोबीस लाख अठ्ठासी हजार है थी वही तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है लेकिन तालाब की जांच करने सोशल ऑडिट करने जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारी मोके में गये तो पता चला कि तालाब को सरपंच भागरथी गोंड सचिव महासिंह मरावी और उपयंत्री उमेश झारिया इन तीनों की मिली भगत से चोबीस लाख अठ्ठासी हजार की तालाब को मेड बंधान करके एक खेत बना दिए है वही ग्राम सभा के माध्यम से मुरली टोला निवासी रामलाल भलावी को जानकारी लगी तालाब में अभी तक बारह लाख रुपए लेवर भुगतान हुआ है और चार लाख रुपए मटेरियल का भुगतान हुआ है जिसकी ऑनलाइन कॉपी ग्रामवासी के पास है वही मौके पर चार लाख रुपए का मटेरियल तालाब तक पहुंचा ही नहीं है और तालाब में अभी तक पीचिंग का काम भी नहीं हुआ है साथ ही तालाब का गेट भी नहीं बनाया गया और सरपंच सचिव के द्वारा लाखों रुपए का आहरण कर लिया गया रोजगार सहायक प्यारेलाल पन्द्रौ से फोन के माध्यम से जानकारी लिया गया तो उनका कहना है ट्रैक्टर से मिट्टी बांध में गिराया गया है भुगतान हुआ है लेकिन ग्रामवासी रामलाल भलावी का कहना है की वह स्वयं सामने से काम कराता था और हाजिरी भी मैं खुद भरता था सरपंच भागीरथी गोंड की ट्रैक्टर दो दिन काम पर आए थे 10 से 12 ट्रिप मिट्टी डाले हैं क्या 2 दिन में दो ट्रैक्टर चार लाख का काम करते हैं ऐसा जब रामलाल भलावी ने सरपंच सचिव से जानकारी चाही गई मामला ही समझौता करने की बात पर पहुँच गया जिससे साफ होता है कि सरपंच सचिव रोजगार सहायक की मिली भगत से ग्राम पंचायत गोराछापर में शासकीय धन की होली खेली गई है
जनपद के जिम्मेदार अधिकारी आखिर क्यों है मौन...
वही जब इस बात की जानकारी जनपद पंचायत के अधिकारियों से लेनी चाही गई तो उनका कहना है कि सरपंच सचिव के विरुद्ध हम कार्यवाही करने में हमे सोचना पड़ता है। जिससे साफ पता चलता है कि सरपंच पति का ख़ौफ़ कितना है कि अधिकारी कार्यवाही करने से डरते है क्योंकि उसके संबद्ध नेता से ज्यादा है और कार्यवाही नही होने देता है।
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