मंडला 6 फरवरी 2022
11 फरवरी से रूटीन टीकाकरण के लिए रूटीन टीकाकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, कुपोषित, अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन एवं फॉलोअप प्रबंधन के लिए विशेष अभियान का प्रारंभ किया जाना है। इस संबंध में कलेक्टर हर्षिका सिंह द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। रूटीन टीकाकरण के लिए पंचायत स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा, एएनएम को संयुक्त रूप से चार दलीय विशेष टीम का गठन कर कार्य संपादित किया जायेगा एवं इनके द्वारा एक पंजी संधारित की जायेगी जिसमें क्षेत्र के सभी ऐसे बच्चों की जानकारी रहेगी जिनका जन्म 1 जून 2020 से 31 जनवरी 2022 के मध्य हुआ है। ऐसे बच्चों का पूर्ण विवरण जिसमें बच्चे का नाम, पता, जन्मतिथि, अब तक किए गए टीकाकरण की जानकारी का ब्यौरा इंद्राज किया जायेगा। उक्त पंजी के संधारण कार्य ऑफलाइन मोड पर 11 फरवरी 2022 तक अनिवार्यतः कर लिया जाये। 11 फरवरी से 14 फरवरी 2022 तक उक्त डेटा को ब्लाक एवं जिला स्तर पर ऐक्सल सीट में कन्वर्ट किया जायेगा। उक्त कार्य के लिए कलेक्टर द्वारा तकनीकि टीम गठित की गई है जिसमें डीपीएम एनआरएचएम डीआईओ एनआईसी डीजीईएम मण्डला सम्मिलित हैं। 15 फरवरी 2022 को ऐसे सभी बच्चे जो रूटीन टीकाकरण से वंचित रह गए हैं उनका संपूर्ण विवरण संबधित सीडीपीओ एवं बीएमओ को उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही जिला कंट्रोल रूम जो मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में निर्धारित है इसके माध्यम से सभी संबंधितों के मध्य साझा किया जायेगा। उक्त संबंध में फोलोअप काल भी जिला स्तरीय कंट्रोल रूम से किया जायेगा। 11-15 फरवरी 2022 के मध्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका द्वारा ऐसे सभी घरों का चिन्हांकन किया जायेगा तथा छूटे बच्चों का 15-19 फरवरी 2022 के मध्य रूटीन टीकाकरण किया जायेगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम के माध्यम से प्रत्येक पंचायतों, वार्डों में महिला सरपंच, पंच, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य एवं जनप्रतिनिधियों इत्यादि का चयन कर महिला बाल स्वास्थ्य मित्र का गठन किया जायेगा। इस समिति के साथ 15 फरवरी 2022 को एसे छूटे बच्चों की जानकारी साझा कर उनके माध्यम से भी रूटीन टीकाकरण हेतु प्रेरित किया जाये। प्रत्येक जनपद पंचायत के अन्तर्गत ऐसे प्रथम 10 पंचायतें जहां शतप्रतिशत टीकाकरण किया जायेगा उनका चिन्हांकन कर फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में संबंधित कर्मचारी एवं टीम को जिला स्तर से प्रमाण पत्र प्रदाय कर पुरष्कृत किया जायेगा।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधित कार्ययोजना
निर्देश के अनुसार 1 से 15 फरवरी 2022 के बीच प्रत्येक पंचायत में ग्रामवार गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर एक पंजी संधारित किया जायेगा जिसमें प्रत्येक गर्भवती महिला का ब्यौरा संकलित किया जायेगा। 15- 25 फरवरी के मध्य ऐसी गर्भवती महिलाओं जो एएनसी से छूटी है उनका एएनसी करवाया जाये तथा प्रत्येक गर्भवती महिला का रक्त जांच तथा अन्य आवश्यक जांचें कराई जाएंगी। हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से तैयार स्वास्थ्य कार्ड में आवश्यक मेडिकल सूचना का इंद्राज कराकर संबंधित गर्भवती महिलाओं को उपलब्ध कराया जाना है। 25 फरवरी 2022 तक प्रत्येक सीडीपीओ के माध्यम से ऐसे ग्रामों पंचायतों का चिन्हांकन किया जायेगा जहां विगत 01 वर्ष संस्थागत प्रसव न की तुलना में हुए हो तथा किसी कारणवश घर पर ही प्रसव किया जा रहा हो। इसकी सूची के साथ कारण भी स्पष्ट किया जाये। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी 1 फरवरी से 25 फरवरी तक विगत एक वित्तीय वर्ष में जन्में संस्थागत प्रसव वाले बच्चों को जेएसवाय, पीएसवाय का भुगतान शतप्रतिशत प्रदाय करवाने की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। रूटीन टीकाकरण के लिए पूर्व में बनाए गए महिला एवं बाल स्वास्थ्य मित्र का सहयोग गर्भवती महिलाओं एवं हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं के चिन्हांकन में लिया जाये।
अति कुपोषित एवं कुपोषित बच्चों के संबंध में दिशा-निर्देश
1 से 25 फरवरी के बीच प्रत्येक ग्राम में 0 से 6 वर्ष के बच्चों का हाईट एवं वनज लिया जावे तदोपरांत बच्चों का एसएएम व एमएएम एवं सामान्य में वर्गीकृत करें उक्त जानकारी ग्राम एवं पंचायत वार्ड वार किया जायेगा। प्रत्येक एसएएम व एमएएम चिन्हांकन के साथ उस बच्चे का विस्तृत ब्यौरा पंजी में संधारित किया जाये जिसमें उसके फिजीकल एवं स्वास्थ्य संबंधी बिंदू, सामान्य अथवा सांस्कृतिक बिंदू, स्वच्छता के संबंध में, आर्थिक स्थिति की जानकारी इंद्राज किया जाये। सभी एसएएम व एमएएम बच्चों को चिन्हांकन कर 25-28 फरवरी के बीच आशा एवं एएनएम के माध्यम से चिन्हांकन किया जाये कि किन बच्चों को एनआरसी भेजा जाना है तथा किन्हें कम्यूनिटी स्तर पर प्रबंधन हेतु लिया जाना है। एनआरसी हेतु रिफर बच्चों का मार्च 2022 के प्रथम दो सप्ताह में दाखिला अनिवार्यतः किया जाये। साथ ही कम्यूनिटी इनवालमेंट के साथ प्रत्येक बच्चों का मेन टू मेन मैपिंग कर स्वास्थ्य प्रबंधन पर ध्यान दिया जाये।
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