रेवांचल टाईम्स - प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव निरस्त के बाद पुनः उन्ही जनप्रतिनिधियों को पंचायत एव ग्रामीण विकास ने बागडोर दे दी है। त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन निरस्त किए जाने के बाद पुराने सरपंचों (प्रधान) जनपद एवं जिला जनप्रतिनिधियों को एक बार फिर बागडोर सौंपी गई है। पंचायतों में समस्त प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उन्हीं पुराने प्रधानों को सौंपी गई है जबकि जिला एवं जनपद पंचायतों के सदस्यों अध्यक्षों तथा उपाध्यक्षों को फिर से शासकीय योजनाओं को क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा 28 दिसंबर 2021 के पत्र से त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021 22 हेतु निर्वाचन कार्यक्रमों को निरस्त किए जाने एवं आदर्श आचार संहिता समाप्त होने से ग्राम पंचायतों के बैंक खातों के संचालन की व्यवस्था हेतु पूर्ववत ग्राम पंचायत सचिव एवं प्रधान प्रशासकीय समिति के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाना सुनिश्चित किया गया है। इसी प्रकार जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में भी प्रधान प्रशासकीय समिति पूर्व की भांति ही आगामी आदेश आने तक कार्य करते रहेंगे। गौरतलब है कि ग्राम पंचायतों में पंचायत निर्वाचन की आचार संहिता लागू होने के बाद से ही जनपद पंचायत घंसौर अंतर्गत 77 ग्राम पंचायतों में सरपंच प्रधान से सभी अधिकार वापस लेने से ग्राम पंचायतों में पंचायत समन्वय अधिकारी एवं पंचायत सचिव रोजगार सहायकों को सभी तरह के अधिकार प्रदान कर दिए गए थे लेकिन अब पुनः एक बार फिर ग्राम प्रधानों को शासकीय योजनाओं को क्रियान्वयन करने की जवाबदारी सौंपी गई है।
Wednesday, January 5, 2022

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फिर से मिली पंचायत प्रतिनिधियों को बागडोर सरपँच सचिव की हुई चांदी, पंचायत ग्रामीण विकास ने लिया ये फैसला...
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