अगर आप सर्दी के मौसम में ज्यादा पानी पीने के आदी हैं तो सावधान हो जाइए. अगर समय रहते ही आपने इस पर ध्यान नहीं दिया तो एक बड़ी बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, केवल गर्मी का मौसम ही एक ऐसा मौसम है, जिसमें इच्छानुसार पानी पिया जा सकता है. जबकि अन्य ऋतुओं में अधिक पानी पीना मना है.
जिस व्यक्ति के खून में खराबी हो, शरीर में जलन होती हो, किसी जहरीली वस्तु या शराब का प्रयोग किया हो तो ठंडे पानी का ही उपयोग करना बेहतर माना गया है. पुराना जुकाम, पेट संबंधी बीमारियां, सूजन और बवासीर की समस्या में पानी कम पीने की सलाह दी जाती है.
शहद और पानी:
शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीने से आप रोगों का शिकार हो सकते हैं. शहद को कभी भी गर्म चीजों के साथ नहीं लेना चाहिए. ताजे पानी में पुराना शहद मिलाकर प्रयोग करने से मोटापा कम होता है. समान मात्रा में देसी घी व शहद का प्रयोग भी विरुद्ध आहार ही होता है. हालांकि जो व्यक्ति रोजाना व्यायाम करते हैं उन्हें विरुद्ध आहार कम प्रभावित करते हैं.
भोजन के बाद पानी और मिठाई लेना:
खाने से पहले पानी पीना शरीर को पतला बनाता है जबकि बाद में पीने से मोटा. भोजन करते समय मीठा सबसे पहले, उसके बाद खटटी और नमकीन चीजें खाएं. इससे भोजन आसानी से पचता है.
ठंडा पानी नुकसानदायक
पानी गर्म करके पीने से वह डेढ़ घंटे में पचता है. उसी पानी को गर्म करके ठंडा करने के बाद पीया जाए तो वह तीन घंटे में पचता है जबकि ताजे पानी को पचने में छह घंटे लग जाते हैं. ज्यादा ठंडा पानी पचने में और अधिक समय लेता है. इसके अलावा हिचकी आनेे, खांसी-जुकाम, दमा, बुखार और गले के रोगों में गर्म पानी ही पीना चाहिए.
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