रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य मण्डला जिले के जनपद पंचायत मण्डला अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरखापा में सरपंच-सचिव-उपयंत्री द्वारा किए गए शासकीय राशि गबन-घोटाला मामला जिसे शिकायतकर्ता अजीत पटेल द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी दस्तावेज प्राप्त कर किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया था जिसमें सरपंच अनीता उइके, उपसरपंच पेशन पटेल, सचिव धरमदास बैरागी, उपयंत्री विश्वजीत बयाम ठेकेदार नवीन पटेल मुख्य रूप से दोषी पाए गए हैं। जिसमें जिले के चर्चित अखबारों के माध्यम से आला अधिकारियों को कार्यवाही के प्रेषित किया गया साथ ही मामले में किए गए भ्रष्टाचार की जांच में जांच अधिकारियों द्वारा किए गए लापरवाही और दोषियो को संरक्षण के मामले का खुलासा कर आला-अधिकारियों के संज्ञान में दिया गया। जिसको लेकर शासन-प्रशासन द्वारा सभी नियमावली की फिराक में किए गए भ्रष्टाचार की सुक्ष्मता से जांच कर संबंधितों के द्वारा भ्रष्टाचार किया जाना पाया गया जिसको लेकर दोषियों के खिलाफ न्यायपूर्ण एवं वैधानिक कार्यवाही किया गया।
भ्रष्टाचारियों की गर्दन न्यायालय की चपेट में बाकी
जहां भ्रष्टाचारीयों द्वारा विकास कार्यों के नाम फर्जी बिल-बाउचर लगाकर शासकीय राशि का बंदरबांट किया गया जिसमें सरपंच अनीता उइके एवं सचिव धरमदास बैरागी ने अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी रुप से नवीन पटेल को ठेकेदार बनाकर उसके नाम से लाखों रुपए आहरण कर लिया गया जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा जब इसकी शिकायत आला-अधिकारियों को की गई तो उन्होंने इसकी जांच किया जिसमें दोष सिद्ध होना पाया गया और सरपंच अनीता उइके को जिला पंचायत मण्डला न्यायालय द्वारा गबन किए गए राशि बसूली के लिए आदेशित किया गया जिसमें सरपंच अनीता उइके को दिनांक 01/12/2021 तक गबन किए गए शासकीय राशि की भरपाई करने का समय दिया गया है जिसमें समय सीमा में राशि जमा नहीं करने पर सरपंच के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही किया जावेगा और जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। वहीं सचिव धरमदास बैरागी को निलंबित किए जाने को अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु स्पष्टीकरण को लेकर प्रशासन द्वारा एक सप्ताह का समय दिया गया है निर्धारित समय सीमा पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किए जाने पर सचिव धरमदास बैरागी को निलंबित कर दिया जावैगा। ठेकेदार नवीन पटेल के खिलाफ गबन मामले में सहयोगी होने एवं गैर कानूनी ढंग से शासकीय राशि का अपने खाते में आहरण कराने के दोषी मानते हुए संबंधित के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही किया गया है जिसके चलते पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही को लेकर निर्देशित किया गया है।
सीईओ ने भ्रष्टाचारीयों को संरक्षण दिया
जनपद पंचायत मण्डला सीईओ शैलेन्द्र शर्मा के खिलाफ मामले में की गई लापरवाही एवं दोषियों को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच में किए गए पक्षपात जिसमें भ्रष्टाचार में लिप्त तथा टरमिनेटेड कर्मचारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर दोषियों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने तथा गलत जांच प्रतिवेदन तैयार कर शासन-प्रशासन को गुमराह करने के आरोपी मानते हुए शिकायतकर्ता द्वारा न्यायालय में याचिका दायर कर मामला कायम किया गया है जिसमें जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ 467,468,34,120बी के तहत मामला कायम किया गया है जिसमें जनपद पंचायत सीईओ शैलेन्द्र शर्मा, गजराज मरावी पंचायत समन्वयक, राजकुमार उरमलिया उपयंत्री, सचिव धरमदास बैरागी, अनीता उइके सरपंच, ठेकेदार नवीन पटेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिसमें जिला एवं सत्र न्यायालय मण्डला में मुख्य न्यायाधीश डीजे कोर्ट के समक्ष फैसला किया जाना है। वहीं जहां प्रशासन द्वारा सरपंच-सचिव के दोषी करार दिए जाने पर शिकायतकर्ता का न्यायालय का पक्ष मजबूत हो चुका जिसमें भ्रष्टाचार के बाकी दोषियों का बच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। भ्रष्टाचार के इस मामले में भ्रष्टाचारीयों को दिए गए शासन-प्रशासन की इस सजा और कार्यवाही में मीडिया का विशेष योगदान रहा है जिन्होंने निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से मामले को उजागर कर दोषियों को उनके करनी का फल दिलाया है।
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