रेवांचल टाइम्स - सिंगारपुर मंडला जिले के विकासखंड मोहगांव अंतर्गत ग्राम देवगांव स्थित मां नर्मदा- बुढनेर नदी संगम घाट में जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) मंडला द्वारा मोहगाँव ब्लाक जयस कार्यकारणी का गठन किया गया। जिसमें जयस जिला सचिव जयपाल मार्को, जिला अध्यक्ष रतन वरकडे की अध्यक्षता में बैठक रखी गई। जिसमें स्थानीय समस्याओं व आदिवासियों की मूलभूत समस्याओं के साथ साथ आदिवासियों की स्थिति परिस्थितियों पर विस्तृत चर्चा व समाज को संगठित कर अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागृत कर समाज का दुष्प्रभाव पड़ने वाली चीजों से दूर रहकर समाज हित में समाज के उत्थान में कार्य कर समाज में जनजागृति लाने का कार्य करने व समाज को संगठित होकर भाईचारे से रहने व समाज हित में ठोस रणनीति के साथ-साथ समाज पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ खड़े रहने की बात की। समाज को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ने का युवाओं ने संकल्प लिया जिला अध्यक्ष रतन वरकडे ने कहा कि सभी मिलकर करेंगे काम वरकडे ने कहा कि समाज का हाल जो आजादी के 70 साल पहले था आज भी वही है तमाम संवैधानिक अधिकारों के बावजूद हमारा समाज अधिकारों की जानकारी के अभाव में अपने अधिकारों के प्रति लड़ नहीं पाता है। आज अत्याचार शोषण रोकने का शिकार हो रहे हैं। यह हमारी समस्याओं का निराकरण के लिए कोई बात नहीं कर रहा है। देश में आदिवासियों के अधिकार जो है वह देश की आजादी के 73 वर्ष बाद भी लागू नहीं की गई। और ना ही 73 वर्ष बाद भी कोई जनप्रतिनिधि विधानसभा, लोकसभा में बात रखी। दलित समाज के प्रतिनिधियों के नाम से जनता ने आपको सब विधानसभा और लोकसभा भेजा जो कि अपने अधिकारों की बात रख पाए। समाज को दिशाहीन कर दिया आज भाई भाई में राजनीतिक स्वार्थ के कारण लडवा दिया है। समाज को नशे की लत धकेल दिया है। चुनाव होने की पूरी समाज को नशे में दिया जाता है। व समाज होश में नहीं रहता जिसकी वजह से गलत व्यक्तियों का चयन हो जाता है। समाज को अच्छे अच्छे स्वास्थ्य सेवा देने की वजह शराब के ठेकेदार बनाने का कार्य कर दिया जाता है। अब हम उस समाज की क्या कल्पना करेंगे जिस समाज के जवाबदार और कर्ता-धर्ता ही समाज को अपनी अज्ञानता का फायदा उठाकर दलदल में धकेलने का काम किया जा रहा है। जिससे आज भी समाज उचित जानकारी के अभाव में प्रदेश व देश की तमाम प्रकार की शासन के योजनाओं का लाभ आम जनता नहीं ले पा रहा है। कागजी कार्यवाही में तो हितग्राहियों को लाभ मिल चुका होता है। परंतु जमीनी स्तर पर देखें तो हकीकत कुछ और ही होती है। वह आज गुजरात महाराष्ट्र जैसे अन्य जगह है पलायन करने को मजबूर है। वही बेरोजगार युवाओं ने आज तो देश की समस्या की विभागों का निजीकरण हो रहा है विभागों में कोई भर्ती नहीं निकल पा रही है। जिसका कारण पढ़े-लिखे लोग डिग्री लेकर बैठे हैं व कुछ लोग पलायन को मजबूर हैं।
हम सब मिलकर करेंगे सभी वर्ग के लिए काम:-- हमको अभी सब अपनी संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लड़ते-लड़ते हमारी संस्कृति को समाज को बचाना भी हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हमें हमारी संस्कृति परंपरा पर गर्व है कि हमारी संस्कृति विश्व में सबसे शानदार व सभी को अपनी अपनी संस्कृति रीति रिवाज व पूर्वजों के अनुसार उनका अनुसरण करना होता है। वह हर समाज की हमारी अपनी उनकी भाषा रहन-सहन व रीति रिवाज परंपराएं होती हैं। इसीलिए कोई भी धर्म कोई भी समाज आदिवासियों को अपने परंपरा संस्कृति तोड़ने का काम ना करें व वर्षों से समाज को पार्टी के नाम पर, वोट के नाम पर, धर्म के नाम पर, हम लोगों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। पार्टियों के झंडे उठाकर उपयोग किया जा रहा है। वह समाज को क्या मिला मजदूरी करने को मजबूर है। जो देश की आजादी के 73 साल पहले थी वह समाज में आज भी है। आदिवासी समाज आज भी हर गली- गली मजदूरी करने को मजबूर है। अब हम समाज के झंडे उठाएंगे हम अपने अधिकारों की बात के माध्यम से सरकार के द्वारा लाखों-करोड़ों पंचायतों में अन्य विभागों में आदिवासी उत्थान के नाम पर करोड़ों रुपए मिलते हैं। परंतु जब जमीन हकीकत देखें क्या है हम सबको समझ में आता है। उसके उपरांत कार्यकारिणी का गठन किया गया व हरसंभव समाज के साथ खड़े होकर समाज की आवाज बनकर काम करने का पदाधिकारियों को संकल्प भी दिलाया गया:-
संगठन ने इनको दी गई अहम जिम्मेदारियां:- जयस ब्लॉक मोहगांव अध्यक्ष रामलाल कोर्चे, उपाध्यक्ष गंगाराम कुलस्ते सचिव मनोज कुडापे, महासचिव आनंद कुशराम, ब्लॉक प्रभारी हीरा नरेती, प्रवक्ता नागेश्वर कूड़ापे, संरक्षक शिवकुमार वरकडे,,सह संरक्षक शिवनारायण सहित सदस्यों की कार्यकारिणी का गठन किया गया। गठन के समय जिला जयस पदाधिकारी सहित ब्लॉक स्तरीय कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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