रेवांचल टाईम्स :- आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में जिला प्रशासन है मंत्र मुक्त शिकायतें के बाद भी नही हो रही कार्यवाही...
पूरा मामला जिला मंडला के जनपद पंचायत नारायणगंज में मनरेगा के नाम पर अधिकारी ठेकेदार और सरपंच सचिव की मिलीभगत के चलते लूट मचा कर रखी गई है।जनपद पंचायत के अंडर में आने वाली ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य ठेकेदारी प्रथा से जोरों शोरों से करवाया जा रहा है। मनरेगा के कामों में मशीन का भरपूर मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। गरीब जनता और ग्रामीणों का हक मारने में अधिकारी पीछे नहीं हट रहे हैं। जनपद पंचायत के अधिकारी और कर्मचारियों ठेकेदारों को भरपूर सहयोग प्रदान करते हैं। जिससे ठेकेदार खुलेआम पंचायतों में मनरेगा का कार्य अपने हिसाब से चलाते हैं और मशीनों द्वारा उस कार्य को पूर्ण करवाते हैं इसमें ना ही सरपंच सचिव आपत्ति लेते हैं और ना ही कोई जनप्रतिनिधि।
मंडला जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और यहां भरपूर मात्रा में बैगा आदिवासी ग्रामीण में निवासरत हैं और इनके विकास के लिए राज्य शासन हो या केन्द्र शासन हो इनके उत्थान के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रखी पर जिम्मदार जनप्रतिनिधि और जबाबदार लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते इनका शोषण करने पीछे नही जिस कारण आज तक विकास नही हो पाया पर इनसे जुड़े लोगों का विकास जरूर हुआ है और इन्हीं में से पंचायतों में सरपंच चुने जाते हैं इन भोले-भाले सरपंचों को जनपद पंचायत के अधिकारी पूरी पूरी जानकारी प्रदान नहीं करते वह अपने हिसाब से इन सरपंचों से काम करवाते हैं और इन सरपंचों का भरपूर फायदा उठाते हैं चाहे वह मनरेगा का कार्य हो चाहे पुल पुलिया का काम हो चाहे तलाब का काम हो इन भोले भाले सरपंचों को अधिकारियों द्वारा पूरी जानकारी नहीं दी जाती।
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