सरपंच सचिव रोजगार सहायक कर रहे हैं अपने पद का दुरुपयोग पहुंचा रहे हैं शासन की गरिमा को ठेस, ग्रामीण ने की जिला कलेक्टर से शिकायत क्या दबंगो पर होगी कार्यवाही ?....
रेवांचल टाइम्स - ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार और मनमानी, गबन जैसे अनेक मामला अब धीरे धीरे सामने आने लगे है वही अपने आप को दबंग कहे जाने वाले सरपंच सचिब पर कार्यवाही होगी क्या अब स्थानीय लोगों के मन मे सवाल उठने लगे है आख़िर अपने इलाके में दबंग माने जाने वाले सरपंच की पंचायत में जाँच करेंगा कौन...?
वही पूरा मामला जनपद पंचायत केवलारी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खैरा पलारी का है। जो अभी जिला प्रशासन के संज्ञान में है एवं विवादित नजर आ रही है। एवं अखबार की सुर्खियों में बनी हुई। धीरे-धीरे खुल रही है पंचायत के भ्रष्टाचार की पोल सरपंच सचिव रोजगार सहायक कर रहे हैं। अपने पद का दुरुपयोग पहुंचा रहे शासन को आर्थिक क्षति एवं गरिमा को ठेस.......
ग्रामीणों ने की पंचायत एवं पंचायत कर्मचारियों की जिला कलेक्टर को शिकायत.....
ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ तथा मकान बनाने हेतु परमिशन देने के बाद भी मकान निर्माण शुरू करने फाउंडेंशन खड़े होने के बाद बाद खैरा पलारी, सरपंच, सचिव सहायक सचिव, द्वारा मकान निर्माण कार्य रोका गया, व उल्टी सीधी धमकी देकर, मकान ना, बनने देना, व, जातिगत गाली गुफ़्तार, मारपीट, की धमकी दी । आपको बता दें कि आवेदक बहुत गरीब है बहुत मुश्किल से अपना जीवन यापन करता है।
यह है आवेदक की जमीनी हकीकत........
आवेदक का नाम बुधनदास चौधरी पिता शिवदास चौधरी है उम्र लगभग 45 वर्ष खैरा पलारी पंचायत का निवासी है। ग्राम पंचायत पलारी के पास माता दिवाला मंदिर के पीछे मकान में लगभग 20 वर्षों से निवास कर रहा था। जहां पर आवेदक उक्त मकान में बिजली पानी शौचालय की पूर्ण व्यवस्था थी परंतु उक्त मकान मंदिर के पीछे था तो वहां के लोगों व सरपंच सचिव ने आवेदक को समझाया कि उक्त मकान मंदिर को दे दें। आवेदक ने उक्त मकान छोड़ दिया तथा ग्राम के सरपंच पटवारी एवं ग्रामीणों की सहमति से आवेदक को आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के बाजू में रहने के लिए जगह दे दी गई। और आवेदक को शासन की योजनाओं के अनुसार भूमिहीन होने के कारण आवेदक को रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने के लिए उक्त जगह की फोटो खींचकर योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरपंच सचिव ने आवेदक के खाते में ₹25000 की पहली किस्त स्वीकृत कर मकान बनाने के लिए डाली। और आवेदक ने अपने पास के पैसे मिलाकर उक्त जगह पर कालम गड्ढे खोदकर बीम कालम खड़ा कर दिया। एवं अपने मकान का कार्य निर्माण शुरू कर दिया। इसी बीच अनआवेदक गणों ने अचानक आवेदक से पैसे वापस करो कह के पैसे मांगने लगे एवं आवेदक ने मना किया तो पुलिस अधिकारियों से सांठ गांठ कर आवेदक को मकान बनाने से मना करने लगे। एवं नोटिस जारी कर दिया गया प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि वापस करें। एवं विभिन्न तथ्यों के साथ ग्रामीण ने जिला कलेक्टर को लिखित आवेदन कर शिकायत की है ।एवं उचित संगत न्याय दिलाने एवं दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की अपील की है।
अब सवाल यह उठता है कि......
क्या पंचायत कभी भी पैसा दे देती है और कभी भी पैसा वापस मांगने लगती है.....
या कहें कि सरपंच सचिव सहायक सचिव अपने पद का दुरुपयोग कर शासन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं,.... और कर रहे हैं लाखों का बंडरवाल.....
या कहें कि पंचायत की भोली भाली जनता को गुमराह करते हे ...
नहीं हे जिला शासन प्रशासन का डर.... नियम कानूनों को दिखा रहे हैं ठेगा कर रहे हैं मनमानी....
अखिलेश बन्देवार के साथ रेवांचल टाइम्स की एक रिपोर्ट
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