रेवांचल टाईम्स :- किसान विरोधी काले कानून व न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून बनाये जाने सिवनी जिले के मक्का उत्पादक किसानों को अपनी उपज मक्का के विक्रय में हुए नुकसान की भरपाई की मांग को लेकर सिवनी जिले के अंबेडकर चौक बाबा साहब प्रतिमा स्थल के सामने धरना आंदोलन के 3 माह पूर्ण हो चुके है आंदोलनकारियों की ओर से प्रतिदिन जिला कलेक्टर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जाता है किन्तु इसे लोकतंत्र में भारी कुठाराघात कहां जाए तो भी अतिश्योक्ति नही उक्त आरोप आंदोलनकारियों के मीडिया प्रभारी की ओर से लगाया गया है जिन्होंने बताया कि आज दिनांक तक महामहिम राष्ट्रपति महोदय के कार्यालय से प्रतिउत्तर में कोई जबाब वापस नही मिला। आंदोलन का असर यह रहा कि भाजपा के छुटभैये नेता विधायक सांसद जनप्रतिनिधि जो किसानों को बिल की झूठी खामियां बता कर किसानों को गुमराह करते थे अब किसान सुनते ही सब समझ व जान रहा है किसान भी अब आंदोलन की बात करने लगा है और अच्छे अच्छे नेताओं को दांतों तले उंगली खट्ठी हो रही है।
किसानों के आंदोलन में संख्या बल पर आंदोलनरत साथियों ने ध्यान नही दिया लेकिन अब किसानों की फसल पक कर घर आते ही आंदोलन स्थल पर संख्या बल बढ़ाया जाएगा । गाँव गाँव के किसान आंदोलन की खोज खबर लेते रहते है सोशल मीडिया के माध्यम से खबरे प्रसारित की जाती है। आंदोलकारियों की ओर से प्रयास किया गया है कि किसानों तक समाचार पहुँचते रहे जिसका सफल परिणाम 26 जनवरी की गणतंत्र तिरंगा यात्रा की सफलता व अब 24 मार्च को होने वाली किसानों की महापंचायत की उत्सुकता बतला रही है। किसानों ने भी हक़ अधिकार की बाते समझ रहे है सिवनी जिले के इतिहास में इतने लंबे समय तक चलने वाला यह पहला आंदोलन है। जानकारों का कहना है कि इसके पूर्व 74 दिन का आंदोलन सिवनी के इतिहास के पन्नों पर दर्ज है
आंदोलन के संरक्षक राजेन्द्र जयसवाल सहित डी डी वासनिक ने 24 मार्च के किसान महापंचायत को सफल बनाने की अपील की है।
आंदोलन रत साथियों में प्रमुख रूप से अधिवक्ता अहमद सईद कुरैशी ओमप्रकाश बर्डे किरण प्रकाश ,पीआर इनवाती, अली एम आर खान निभा कुम्हारे रजनी गोखले ,रघुवीर सिंह,हुकुम सनोडिया, यीशु प्रकाश , राहुल वासनिक राजेश सौलंकी लक्ष्मी वासनिक शकुन बाई संगीता चक्रवर्ती, राखुराम चक्रवती ,विशाल सुखदेवे ऋषभ मासुरकर,सन्तोष ठाकुर ,आदि का नियमित रूप से सहयोग मिला है।
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