रेवांचल टाईम्स :- वन विभाग में कार्यरत वन अमले पर अपने कर्तव्य के दौरान होने वाले हमलों के संबंध में
मध्य प्रदेश वन कर्मचारी संघ द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला मुख्यालय स्थित वन विभाग के कार्यालय परिसर में एक दिवसीय उपवास धरना प्रदर्शन शनिवार को किया गया। धरना प्रदर्शन के बाद रैली निकालकर वन मंत्री के नाम तहसीलदार डिंडौरी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि वर्तमान में अपराधिक गतिविधियां विशेष रुप से अतिक्रमण, अवैध कटाई, अवैध उत्खनन, शिकार करने वाले माफिया गिरोह के लोगों द्वारा वन सुरक्षा के दायित्व में लगे वनरक्षक से लेकर उच्चाधिकारियों पर हमलो की घटनाओं की अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। इन घटनाओं में वन अधिकारी कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। कभी-कभी अत्यंत विषम परिस्थितियों में कुछ वन अधिकारी वन सुरक्षा के दायित्व का निर्माण करते हुए शहीद हो रहे हैं। ज्ञापन में बताया गया कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश के नेपानगर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, रायसेन, देवास, सहित अन्य वन मंडलों में वन कर्मचारियों पर प्राणघातक हमले किए गए हैं, जिनमें से कुछ अधिकारी कर्मचारी शहीद भी हो गए हैं। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि मध्यप्रदेश में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान वर्ष 2016 से 2020 तक की अवधि में 5 कर्मचारी शहीद हुए हैं और 140 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जो कि टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश के लिए अत्यंत शर्मसार की स्थिति प्रतीत होती है। वन कर्मचारियों द्वारा मांग की गई है कि वन व वन्य प्राणियों की सुरक्षा में कार्यरत वन अमले को सशस्त्र बल घोषित करते हुए पुलिस अधिकारियों के समक्ष अधिकार व सुविधाएं प्रदान कर माफिया गिरोह पर अंकुश लगाने की पहल की जाए। ज्ञापन सौंपते समय संघ के अध्यक्ष सोमनाथ भारतीय, उपाध्यक्ष विजय सिंह मरावी, जिला सचिव शोभित राम वनवासी, मुरारीलाल नेताम, संतोष रजक, सह कोषाध्यक्ष बिरजू परस्ते, मधु गवले, ईश्वर सिंह परस्ते सहित बड़ी संख्या में वन कर्मचारी मौजूद रहे।इनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वनकर्मीयों के द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे।
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