रेवांचल टाईम्स :- नैनपुर में लॉक डाउन घोषित होने के बाद से स्थानीय रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली सभी पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन बंद है। इससे गैर जनपदों व हाल्ट स्टेशनों पर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। वैसे जून माह से एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है लेकिन गोंदिया जबलपुर, एवं नैनपुर मंडला के बीच पैसेंजर को न चलाये जाने से नैनपुर एवं आसपास के यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
नगर के कुछ महानुभाव ने इस संबंध में रेलविभाग को पत्र भेजकर तत्काल पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरु कराने की मांग की है। कहा है कि इन ट्रेनों का परिचालन न होने से जहां यात्रियों को परेशानी हो रही है वहीं कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन इस और नगर के जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं जाता उन्हें जनता की समस्या दिखाई नहीं देती बस मालिकों के तगड़े कमीशन के चलते सरकार भी चुप्पी सादे बैठी है बस मालिकों को लाभ देने के चलते यात्री ट्रेनों को प्रारंभ करने के बारे में विचार नहीं किया जा रहा है कोरोना का डर बता कर ट्रेनों को रोका जा रहा है। लेकिन बस परिचालन में किसी भी प्रकार के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
इस तरह का सौतेला व्यवहार आखिर क्यों जब बस परिचालन के जरिए नियमों की धज्जियां उड़ानी ही है तो फिर ट्रेन चालू करके लोगों की परेशानियां आखिर क्यों हल नहीं की जा रही है।
स्थानीय लोगों की मांग और रेलवे प्रशासन की पहल पर रेलवे बोर्ड ने कुछ समय पहले एक स्पेशल ट्रेन जो कि केवल जनता के लिए एक लॉलीपॉप जैसा था को चलाने की अनुमति प्रदान कर दी थी। जिसका नैनपुर नगर के भाजपा के नेताओं ने इसे अपनी उपलब्धि बताकर जोर शोर से स्वागत भी किया था लेकिन लोगों की मांग इससे पूरी होने वाली नहीं है। यह बात रेलवे विभाग और नगर के प्रतिनिधि अच्छी तरह से जानते हैं कि नैनपुर से हजारों की संख्या में रोजाना यात्री नैनपुर नगर से अन्य जगहों के लिए प्रतिदिन पैसेजर ट्रेन से यात्रा करते थे। लेकिन मार्च से कोरोना संक्रमण के चलते सभी पैसेजर ट्रेनों के बंद होने से इन हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बस मालिकों का रवैया और बढ़ते किराए के चलते और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन मोटी मलाई और बस मालिकों के तगडे़ कमीशन के चलते सरकार ने भी अपनी चुप्पी साध ली है।
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