रेवांचल टाइम्स - छत्तीसगढ़ से आए हुए दो जंगली हाथियों के मध्य प्रदेश मैं लगातार विचरण के पश्चात गत माह दिनांक 27 नवंबर 2020 को जबलपुर जिले मैं विद्युत करंट से एक हाथी की मृत्यु हो जाने के पश्चात दूसरे जंगली हाथी की सुरक्षा एवं जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे पकड़े जाने के निर्देश प्रदान प्रमुख वनरक्षक वन्यप्राणी मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा दिए गए
दूसरी जंगली हाथी जबलपुर से मंडला जिले के वन क्षेत्र से गुजरते हुए दिनांक 3 दिसंबर 2020 को कान्हा टाइगर रिजर्व में बफर जोन वन मंडल के अंतर्गत सिहोरा परी क्षेत्र के मोह गांव के पास से कोर जाने के अंतर्गत शहरी परी क्षेत्र में प्रवेश किया। इसके मार्ग को अनुश्रन करते हुए विक्रम सिंह परिहार भा.व.से. क्षेत्र संचालक टाइगर रिजर्व सिवनी के नेतृत्व में एस.के . सिंह भा.व.से. क्षेत्र संचालक कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला के सहयोग एवं नरेश सिंह यादव भा.व.से. बफर जोन व रविंद्र मणि त्रिपाठी भा.व.से. उपसंचालक कोर कान्हा टाइगर रिजर्व तथा रेस्क्यू दल के अन्य सदस्यों के साथ लगातार सर्वेक्षण में लगे रहे दिनांक 4 दिसंबर 2020 को हाथी की उपस्थिति का ना परी क्षेत्र के परसाटोला जोड़ी मलावन क्षेत्र में पाई गई इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी परंतु प्रत्यक्ष दर्शन ना होने से इस को पकड़ने की कार्यवाही नहीं हो पा रही थी।
दिनांक 6 दिसंबर 2020 को पुनः उसी क्षेत्र में हाथी के पग मार्ग पाए जाने पर 6 विभागीय हाथियों की सहायता से वन क्षेत्र में खोजबीन की गई पूर्वाहन 11:00 बजे जंगली हाथी की उपस्थिति प्रत्यक्ष रूप से परसा टोला के वन क्षेत्र में सुनिश्चित होने के बाद इस को पकड़ने की कार्यवाही आरंभ की गई।
समस्त प्रक्रिया को अपनाते हुए दिन में लगभग 3:30 बजे पकड़ लिया गया इस कार्यवाही को डॉ संदीप अग्रवाल एवं डॉक्टर अखिलेश मिश्रा वन्य प्राणी चिकित्सा की उपस्थिति में किया गया। हाथी को पकड़ने गए स्थान पर ही लोगों की बेड़ियां से बांधकर रखा गया दिनांक 7 दिसंबर 2020 को स्थिति का परीक्षण कर हाथी को किशली के परी क्षेत्र हाथी कैंप किसली बाड़े मैं रखने की कार्यवाही की जाएगी।
अखिल बन्देवार के साथ रेवांचल टाइम्स की एक रिपोर्ट
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