रेवांचल टाईम्स - आज पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। जिसपर केन्द्र एवं राज्य सरकार इस महामारी से निपटने के लिए नये-नये दिशा निर्देश देकर पालन करने करने के लिए आदेश दे रही ताकि इस महामारी को काबू मे किया जा सके। पर जब अधिकारी/कर्मचारी ही इन दिशा निर्देशों के पालन मे लापरवाही करें तो महामारी को कैसे काबू मे किया जा सकेगा?
प्राचार्य के पास तीन-तीन विद्यालयों का है प्रभार ऐसा ही मामला शासकीय हाई स्कूल, बिंझिया का प्रकाश मे आया।
ये है मामला
शासकीय हाई स्कूल बिंझिया मे रिवीजन टैस्ट परीक्षा के दौरान परीक्षा दे रहे बच्चों को बिना सामाजिक दूरी बनाये बैठा जा रहा था। जब इसकी खबर मीडिया को लगी, और मीडिया स्कूल पहुंची वहां देखने को मिला कि बिना सोसल डिस्टेसिंग एवं बिना फेस मास्क लगाये बच्चे परीक्षा दे रहे हैं। साथ ही बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग नही की जा रही है। यहां तक बहुत से शिक्षक भी फेस मास्क नहीं लगाये थे। जब इस संबंध मे जानकारी लेने प्राचार्य का पता किया गया तो पता चला स्कूल मे प्राचार्य नही है। तुरंत मीडिया ने यह जानकारी विभाग के उच्च अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को दी गई, सहायक आयुक्त द्वारा तुरंत मामला संज्ञान मे लेते हुए, प्राचार्य और बीईओ को तुरंत पहुंचने को कहा। पर दोनों अधिकारी स्कूल पहुचकर अपना पल्ला झाड़ते नजर आये।
प्राचार्य कल्पना नामदेव का कहना है की मैने प्रभारी को आदेश देकर दूसरे स्कूल जा रही थी। क्योंकि मेरे पास तीन स्कूलों का प्रभार है। इसलिए मे पूरा समय एक ही स्कूल मे नहीं दे सकती। इसलिए मैने प्रभारी को परीक्षा हेतु दिशा निर्देश को ध्यान मे रखते हुए उनका पालन कराते हुये आदेशित कर दिया था। जब उनसे आदेश की कापी मांगी गई तो उनके द्वारा गोल मोल जबाव देते नजर आयीं।और पूरा दोष प्रभारी के ऊपर डालते बनी। जबकि स्कूल की पूरी जबावदारी स्कूल के प्राचार्य की होती है। खुदा न खासता कोई संक्रमित बच्चा स्कूल आया होता तो क्या होता। बच्चों के पालक पूरे विश्वास के साथ बच्चों को परीक्षा हेतु स्कूल भेजे है। और स्कूल प्रबंधन द्वारा यह लापरवाही करना घोर निंदा की श्रेणी मे आता है। और विभाग के अधिकारियों के द्वारा इन बातों को संज्ञान मे लेते हुए। दोषियों के ऊपर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए क्योंकि जो कर्मचारी/अधिकारी शासन के दिशा निर्देशों के पालन करने मे लापरवाही करता हो वह निश्चित दंडनीय है।
बतादें प्राचार्य कल्पना नामदेव हाईस्कूल बिंझिया की प्राचार्या हैं और उनके पास हायर सेकेन्ड्री स्कूल बिनैका एवं शा.जगन्नाथ उत्कृष्ट विद्यालय मण्डला का भी प्रभार है। जबकि इन्हीं स्कूल मे वरिष्ठ व्याख्याता या शिक्षक होने के बाद भी इन्हीं को तीन-तीन जगह का प्रभार क्यों दिया गया है जो जांच का बिषय हैए शासन की गाईड लाईन को ध्यान मे रखकर परीक्षा का संचालन किया जा रहा और क्या सामाजिक दूरी दो फिट की है? तो वे भी गोल मोल जबाव देते हुये चम्पत होते बने।
बहरहाल दोनों अधिकारी गोल-मोल जबाव देकर अपना पल्ला झाड़ तो लिया। किन्तु इस बात से इंकार भी नही किया जा सकता की स्कूल द्वारा बहुत बड़ी लापरवाही तो की है। जिसका खामियाजा बेकसूर उन परीक्षा दे रहे बच्चों को भोगना पड़ सकता था। और ऐसी स्थिति मे कोई भी पालक बच्चों को स्कूल भेजने से डरेगा। की कहीं स्कूल जा कर हमारा बच्चा कोरोना महामारी की शिकार न हो जाये।
जिला कलेक्टर से जन मांग है की मामले की गम्भीरता को देखते हुये प्रभार मुक्त कराया जाये ताकि वे अपने स्कूल को पूरा समय देकर संचालित कर सके। और भविष्य मे ऐसी लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो।
इनका कहना है-
वरिष्ठ अधिकारी के निर्देशों के अनुसार परीक्षा का संचालन किया जा रहा है।
सुलभा सालोमन,परीक्षा प्रभारी, हाईस्कूल बिंझिया, मण्डला
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