वगैर रॉयल्टी की रेत हो रहा है सड़क चौड़ीकरण का कार्य सो रहा खनिज अमला , ठेकेदार बरत रहा कंक्रीट की ढलाई में अनियमितता - revanchal times new

revanchal times new

निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

Breaking

Sunday, October 1, 2023

वगैर रॉयल्टी की रेत हो रहा है सड़क चौड़ीकरण का कार्य सो रहा खनिज अमला , ठेकेदार बरत रहा कंक्रीट की ढलाई में अनियमितता




दैनिक रेवांचल टाइम्स  बजाग - इन दिनों  ग्राम बिजोरा से वनग्राम  खपरीपानी को जोड़ने वाली सीमेंट कंक्रीट की सड़क पर   चौड़ीकरण का कार्य जबलपुर की मेसर्स जयसवाल कंपनी द्वारा कराया जा रहा हैं उक्त निर्माण कार्य में अनियमितताएं प्रारंभ से ही सामने आने लगी थी बिजोरा घुटई मार्ग पर  सड़क की चौड़ाई बढ़ाने हेतु पचहत्तर सेंटीमीटर की पटरी के निर्माण में घोर लापरवाही बरतने का आरोप कंपनी पर ग्रामीणों ने लगाया है बताया जाता हैं की सीमेंट कंक्रीट की ढलाई में एक तो नियम विपरीत काली रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है व ढलाई करते समय ब्रायबेटर मशीन का उपयोग नहीं किए जाने से कंक्रीट का मसाला सही ढंग से सेट नही हो पा रहा है ।जिससे आगामी समय में जल्द ही सड़क किनारे की   पटरी के टूटने का आशंका जताई जा रही है पूर्व में तीन मीटर चौड़े  इस मार्ग को पचहत्तर सेमी और बढ़ाकर सड़क किनारे सीमेंट कंक्रीट की पटरी बनाकर चौड़ा किया जा रहा है हालाकि खपरीपानी से खम्हेरा तक की तेरह किमी की लंबाई वाली इस सड़क के निर्माण और चौड़ीकरण   के कार्य को ठेकेदार द्वारा महीनों पहले 16 फरवरी 2023 तक पूर्ण कर दिया जाना था लेकिन जयसवाल कंपनी की लापरवाही और विभागीय गठजोड़ के चलते काफी बिलंब से किया जा रहा है।क्षेत्रीय लोगो ने ठेकेदार द्वारा मंगाई जा रही वगैर रॉयल्टी की  रेत  के परिवहन पर भी सवाल उठाए हैं बताया जा रहा है की सड़क चौड़ीकरण के कार्य में ठेकेदार सेटिंग से वगैर रॉयल्टी के नर्मदा नदी की काली रेत का इस्तेमाल कर रहा है जबकि बरसात में रेत खदाने पूरी तरह प्रतिबंधित है खुलेआम ठेकेदार के निर्माण कार्य में नर्मदा नदी की रोजाना हजारों घनमीटर रेत सप्लाई हो रही है  परंतु खनिज विभाग को इसकी भनक तक नहीं है और विभाग चैन की नींद सो रहा है निर्माण स्थल के आसपास भी रेत का आंशिक भंडार देखा जा सकता हैं पूर्व में भी इसी निर्माण कार्य में अनियमितताओ को लेकर संबंधित विभाग के जी एम जे पी मेहरा को अवगत कराया गया था उनके द्वारा काली रेत के उपयोग की मनाही करने की बात कही गई थी इसके बाद भी निर्माण कंपनी के द्वारा कोई सुधार नहीं किया जा रहा हैं जिससे जाहिर होता है की निर्माण स्थल पर विभाग के कर्मचारिओ की मॉनिटरिंग कमजोर है

No comments:

Post a Comment