रेवांचल टाईम्स - मण्डला जिले अंतर्गत आने वाली जनपद में इन दिनों स्थानीय जनता जिला बनाने की माँग कर रही वही निवास जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले निवास को जिला बनाये जाने की मांग 1982 से लगातार की जा रही है जिसको संज्ञान में लेकर राज्य पुनर्गठन द्वारा निवास को जिला बनाये जाने की सभी जरूरी कार्रवाही बहुत पहले की जा चुकी है और निवास को सिर्फ जिला की घोषणा किया जाना बाकी है, लेकिन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यह मांग आज तक पूरी न होने के कारण महाबंद आंदोलन के दूसरे चरण में एक बार फिर निवास को जिला बनाने निवास सहित पन्द्रह किलोमीटर तक चारों तरफ के कस्बे और गाँव के लोग भी समर्थन देते हुये इस आंदोलन में शामिल हुये और एक स्वर में निवास को जिला बनाने की आवाज बुलंद की।
उक्त माँग के आंदोलन में लगभग एक हजार की जनता और सभी दलों के जिला व स्थानीय नेताओं ने एक स्वर में निवास को जिला बनाये जाने की मांग की साथ ही निवास जनपद उपाध्यक्ष घनश्याम सूर्यवंशी ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुये कहा कि अगर अधिसूचना लागू होने के पूर्व निवास को जिला की घोषणा नहीं कि जाती तो वे इसके विरोध में आत्मदाह करेंगे, धरना स्थल पर बिछिया पूर्व विधायक संजीव उईके भी निवास की जिले की मांग का मंच से खुला समर्थन दिया और कहा कि प्रदेश सरकार को छत्तीसगढ़ सरकार का अनुशरण करते हुये निवास सहित और भी जो जायज माँग हो कि जानी चाहिये क्योकि छोटे जिला होने से न सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था ठीक साबित होती है बल्कि ऐसे जिलों का समुचित विकास भी तेजी से होता है।
निवास जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक प्रदीप जैन ने कहा कि निवास को जिला बनाने की सभी औपचारिकताएँ पूर्ण हो चुकी हैं सिर्फ जिम्मेदार सरकार द्वारा इसकी घोषणा की जाना बाकी है, साथ ही यह भी कहा कि निवास को जिला बनाने जब पूर्व से लेकर वर्तमान पक्ष विपक्ष के विधायक सांसद मंत्री सभी अपनी सहमति दे रहे हैं तब फिर निवास को जिला बनने में कौन रोड़ा अटका रहा है यह बात आंदोलित लोगों के समझ से परे है। दिनभर चले इस आंदोलन के बाद महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा गया, समिति द्वारा आंदोलन में आये लोगों को स्वल्पाहार की व्यवस्था भी की गई थी।
निवास जिला बनाओं संघर्ष समिति द्वारा बताया गया कि निवास को जिला बनाने हेतु 2017 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अभिमत और नक्शा मांगा गया था जिसे राज शासन को 2017 में ही भिजवा दिया गया इन सब के बाद भी निवास जिला नहीं बन पाया यह हमारे जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता एवं उदासीनता के कारण जिला नही बन सका। यदि निवास विकास करते हुए निवास को कोई सौगात दी जाती है तो निश्चित ही आपका सभी का स्वागत किया जाता है। किन्तु यदि निवास से कुछ हटा है तो उसका दोसा रोपण भी जनप्रतिनिधियों के ऊपर जाएगा। इसमें आप लोगों को बुरा नहीं लगना चाहिए। निवास से यदि कुछ जाता है उसका कारण भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को होगा 30 वर्षों में हमें नहीं लगता कि निवास में जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई भी ऐसी बड़ी योजना प्रयास करके लाई गई हो अभी समय है अधिसूचना लगने के पहले निवास जिला का नोटिफिकेशन कर दें। निवास में नर्मदा जल ले जाने की घोषणा करवा दे । तो निवास क्षेत्र की जनता में पुनः विश्वास जागेगा। क्योंकि पहले निवास की इन दो प्रमुख समस्याओं को दूर करना ही होगा। संघर्ष समिति के प्रदीप जैन ने कहा कि समिति का कोई व्यक्तिगत विरोध न जनप्रतिनिधियों से है ना ही सरकार का विरोध है। हमेशा निवास क्षेत्र के विकास की बात कही गयी है निवास क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा मांग की जाती रही है।
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