दैनिक रेवांचल टाइम्स - इस वारिश के मौषम में हो रही बारिश से किसानों के माथे में चिन्ता की लकीरें दिखाई पड़ने लगी है जहाँ एक तरफ सावन भादो में बारिश से लोग परेशान हुआ करते थे पर इस वर्ष बारिश से नही लोग गर्मी से परेशान हो रहे है और इंद्रदेव की नाराज़गी वजय समझ से परे है वही दूसरी ओर किसान अपनी फसल को लेकर काफी चिंचित नजर आ रहे खेतों के बुरे हाल है।
डिंडौरी सहित बजाग मुख्यालय के आसपास के दर्जनों गांव के किसान खरीफ फसलों की सिचाई के लिए पुनः बारिस होने का इंतजार कर रहे है वर्षा नहीं होने के कारण क्षेत्र के अन्नदाता पानी की कमी से जूझ रहे है खेतो मे लगी धान और अन्य फसलों पर भी सूखे की मार की संभावना बनी हुई है समय रहते बारिश नहीं हुई तों अन्नदाता किसान को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्षेत्र के सरवाही सारंगपुर तरच सहित अन्य ग्राम में किसानों के खेत पर लगी फसल सूखने की कगार मे हैं लगातार दो सप्ताह से बरसात न होने की स्थिति में खेतिहर् जमीन पर बड़ी बड़ी दरारे आ गई हैं जिससे किसानो के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है करीवन पांच छह वर्ष पूर्व चकरार नदी पर खेतो की सिचाई के उद्देश्य से जलसंसाधन बिभाग के द्वारा करोड़ों की लागत से बांध एवं नहर का निर्माण कराया गया था परन्तु नहर से भी किसानो को बूँद भर पानी नसीब नहीं हो पा रहा है नहर मे भी सुखे की स्थिति बनी हुई हैं जिससे किसान अपने खेतो में सिंचाई भी नहीं कर पा रहे हैं सरवाही, सारंगपुर के किसान हेमराज, हरिदास,गहरुसिह नीलम बाई ,ढोला सिंह ने बताया कि हमने खरीफ फसलों की बुबाई के समय सहकारी बैंक से क़र्ज़ लेकर खाद बीज लिया था यही हाल रहे तों कैसे बैंक का कर्जा अदा कर पाएंगे और परिवार का पालन-पोषण मे भी दिक्क़तो का सामना करना पड़ेगा।
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