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Wednesday, September 6, 2023

विस्थापितों के दर्द पर मलहम नहीं लगा सके अमित शाह


दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला और आसपास के आदिवासी जिलों  के विभिन्न परियोजनाओ से हजारो परिवार विस्थापित हुए हैं।कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से दर्जनों आदिवासी गांव विस्थापित हुआ था। उसके बाद 1990 के दशक में बने बरगी बांध से162 गांव विस्थापित हुआ। दोनों परियोजनाओ में एक भी परिवार का पुनर्वास नही किया गया था।विस्थापित परिवार रोजगार की तलाश में पलायन करने को बाध्य है। कुछ परिवार का बरगी जलाशय से मत्स्याखेट कर जीवन यापन चल रहा था।परन्तु ठेकेदारी प्रथा के कारण जलाशय का उत्पादन इतना कम हो गया है कि मछुआरे प्रदेश के अन्य जलाशय में मत्स्याखेट के लिए पलायन करने मजबूर हैं।बहुत से परिवार दिसम्बर-जनवरी में डूब से खुलने वाली भूमि पर एक फसल पैदा कर आजीवका चला लेता था। परन्तु विगत पांच सालों से पानी को भरकर रखे जाने के कारण बोनी के समय अब डूब से खुलने वाली भूमि उपलब्ध नहीं होता है।बरगी बांध जलाशय से लिफ्ट सिंचाई के माध्यम से बीजाडांडी और नारायणगंज के गांव में खेती के लिए पानी की मांग सालों से किया जा रहा है।परन्तु नर्मदा घाटी विकास विभाग जलाशय से पानी देने मना कर रहा है।जबकि बरगी बांध में इसी वर्ष 27 अप्रेल को बबलिया कार्यक्रम के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा से चार लिफ्ट सिंचाई योजना की घोषणा कर चुके हैं।परन्तु अभीतक इस सबंध में कोई प्रगति नहीं हुआ है।इसके बाद नर्मदा घाटी की मटियारी और हालोन बांध के विस्थापित परिवारों का पुनर्वास नहीं हुआ। आज भी हालोन का बिरसा गांव के लोग अपनी समस्याओ के निराकरण के लिए दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं।

नर्मदा घाटी में मंडला जिले के मोहगांव विकास खंड के औढारी गांव बसनिया में बांध और इसके उपर डिंडौरी जिले के मरवाही गांव में राघवपुर बांध प्रस्तावित है। उक्त दोनों परियोजनाओ के विरोध में लोग संघर्ष कर रहे हैं।बसनिया बांध से प्रभावित गाँव की जमीन अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी कर दिया गया है। जबकि ग्रामीणों ने पेसा नियम 2022 की कंडिका -18 धारा (1) के अनुसार ग्राम सभा द्वारा इस बसनिया बांध को निरस्त का प्रस्ताव पारित किया है।कान्ह

एवं फेन अभयारण्य के बाद  टिकरिया-कालपी के बीच राजा दलपतशाह अभयारण्य प्रस्तावित है।बरगी जलाशय के क्षेत्र में चुटका परमाणु बिजलीघर प्रस्तावित है।राजा दलपतशाह अभयारण्य और चुटका परियोजना का स्थानिय समुदाय विरोध कर रहा है। जब अमित शाह जैसे केन्द्रीय नेतृत्व मंडला आते हैं तो उनसे यह अपेक्षा होता है कि विस्थापितों के लिए कुछ राहत और रियायत मिलेगा।राज कुमार सिन्हा बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ सादर प्रकाशनार्थ

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