जनपद पंचायत नैनपुर के अधिकारियों ने भी मामले को दबाने की भरसक प्रयास
जिला पंचायत से जॉच करने आए अधिकारियों ने पूरी जॉच नही की और छोड़ 03 साल का ब्यौरा
दैनिक रेवांचल टाइम्स - नैनपुर आखिरकार जनपद पंचायत नैनपुर में कर्मकार योजना में करोड़ों का घोटाला किया गया है। मगर पंचायत के घोटाले की खबर जनपद के अधिकारों और कम्प्यूटर आपरेटर ने किया करीब दो करोड़ का घोटाला पर कार्यवाही होगी कब चल रही थी।मगर जिला प्रशासन के द्वारा जांच करने आए अधिकारियों ने ऐसी जॉच की गबन करने वाले अधिकारियों पर अपराध दर्ज नहीं हो सका और कंप्यूटर ऑफरेटर जितेंद्र जांघेला पर गंभीर धारा यो में अपराध दर्ज हो गया है। जिससे जनपद पंचायत के सीईओ विनोद मरावी के द्वारा 13 अप्रैल 2023 को पुलिस थाना नैनपुर में जनपद पंचायत में हुए करीब 1 करोड़ 16 लाख 56 हजार 1 रुपये 60 पैसे रूपये के गबन घोटाला मामले में एफआईआर की गई। जिसमें जितेंद्र जघेला पर नामजद अपराध दर्ज किया गया है। और 10 खातों की जानकारी भी शामिल की गई।जांच अधिकारियों ने मामले को दबाने के लिऐ वर्ष 2019 से 2022 तक ही की जांच नैनपुर जनपद पंचायत के वर्ष 2017 से लगातार घोटाला किया जा रहा है। मगर जांच अधिकारियों ने जन बुझकर बीते वर्षों को छोड़ दिया है। और जिसके कारण गबन की राशि भी कम हो गई और जितने भी पूर्व सीईओ थे। उनको भी बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।वही नैनपुर में पदस्थ रहे सीईओ जीके जैन वत्सला शिवहरे प्रियंका वर्मा सीईओ चौहान अजीत मिश्रा और अन्य सीईओ के कार्यकाल से लेकर 6 सीईओ की डीएससी का उपयोग दैनिक वेतन भोगी कम्प्यूटर आपरेटर जितेन्द्र जघेला निवासी वार्ड कमाक 6 के द्वारा किया जाता रहा था। जिसपर पुलिस थाना नैनपुर में सिर्फ बली का बकरा बनाते दैनिक वेतन भोगी कम्प्यूटर आपरेटर जितेन्द्र जघेला पर एफआईआर की गई है। और सभी आरोपी सीईओ को जिला स्तर के जांच अधिकारियों बचाने का पूरा प्रयास किया गया है। मगर समय के साथ जल्द ही नए खुलासे होगे सोची समझी रणनीति योजना बनाई जाकर पूरे मामले में 6 सीईओ पदस्थ रहे सभी को बचाने का प्रयास किया गया है। और आरोपी को फरार करवा दिया नैनपुर जनपद पंचायत सीईओ का स्थानांतरण तो होते गया परंतु डीएससी का उपयोग जनपद के कर्मचारी जो पर्दे के पीछे रह पर बाद में भी वे शासकीय धन से होली खेलते रहे ओर आज जब खुलासा हुआ तो कार्यवाही सिर्फ कम्प्यूटर आपरेटर जितेन्द्र जघेला पर ही आखिर क्यों की जा रही है। इसमें विभाग के कर्मचारी की संलिप्ता होने के कारण इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। वही मामले में वर्ष 2017 से पदस्थ रहे सीईओ जी के जैन, वीके श्रीवास्तव,आर के चौहान,जी के जैन, श्रीमति वत्सला शिवहरे सहित विनोद कुमार मरावी की डीएससी का उपयोग कर शासकीय राशि का गवन किया जाना बताया जा रहा है जो सूक्ष्मता से जांच का विषय है तभी शासकीय राशि की बसूली हो पावेगी। आपरेटर जितेन्द्र जघेला से गहन पुछताझ से मामला बढ़ता ही जायेगा और नए चौकाने वाले खुलासे होगे नैनपुर पुलिस थाना में गंभीर धरायो में मामला हुआ पंजीबद्ध मगर आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर नैनपुर के द्वारा जिला प्रशासन के प्रतिवेदन के अनुसार जितेन्द्र जघेला पर इन धरायो में 420 ,467 ,468 ,471 409,120-बी 34 का मामला पंजीबद्ध किया गया है। जिसके कारण जितेन्द्र की मुस्किले बढ़ती नजर आ रही है। खबर लिखे जाने तक जितेन्द्र फरार बताया जा रहा है
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