रेवांचल टाईम्स - मंडला मध्यप्रदेश की सीमा ओर छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा में लगा हुआ आदिवासी बाहूल्य जिले मंडला जो कि छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे मवई विकासखंड का मोतीनाला छेत्र आज भी अपनी मुलभूत सुविधाओं से वंचित नजर आ रहा है जहाँ एक तरफ देश को आजाद हुए 75 हो चुके है और 21 वी सदी की ओर तेजी से बढ़ रहा साथ ही देश मे डिजीटल बन रहा है, इसके बाद भी आज तक आदिवासी बाहूल्य जिला मंडला आजाद नजर नही आ रहा है जिला की जनता आज भी अपने लिए मिलने वाली सरकारी सुविधाएं के लिए तरस रही है और जिम्मेदार नेता और जनप्रतिनिधि और उनके करीबियों की बल्ले बल्ले है। जिले में भ्रष्टाचार चरम सीमा में है भ्रष्टाचार इतना है कि सरकारी योजनाएं केवल कागजों तक और सरकार के पोर्टल में पूर्ण बताए जा रहे है और जमी हकीकत तो केवल स्थानीय जनता ही बता सकती है वही ग्रामीण जनता आज भी अपनी मुलभूत सुविधाएं से वंचित नजर आ रही और अपनी मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है।
वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज भी ग्रामीण अंचलों में रह रहे ग्रामीणों को बिजली पानी सड़क के लिए दो चार होना पढ़ रहा है वही छेत्र की ज्वलंत मांग मोतीनाला से मवई मार्ग पर पनारी खेड़ा एवम नवनादर के मध्य प्रवाहित फेन नदी है जिसमे पुल आजादी के 75 सालो बाद भी नही बन पाया जिसकी ग्रामीण जन लगातार मांग कर रहे है । उल्लेखनीय है मोतीनाला में पुलिस थाना सेंट्रल बैंक बफर रेंज कार्यालय फेन अभ्यारण रेंज कार्यालय हायर सेकेंडरी स्कूल शिक्षा विभाग का संकुल प्रसव केंद्र जंगल अस्पताल पशु चिकित्सालय लघु वनोपज सहकारी समिति 369 राजस्व विभाग का राजस्व निरीक्षक जैसे महत्वपूर्ण कार्यालय संचालित एवम व्यवसायिक प्रतिष्ठान है जहा मवई की ओर बसे नवनादर नेवसा भपसा नरहरगंज खुदराही भपसा परसेल बैगाखेडा दरबरा सुरुजपुरा मेढा बिलाइखार के ग्रामीणों को NH 30 मोतीनाला तक आना पड़ता है। बारिश के दिनों में टिकरातोला फेन नदी में रिपटा पुल बनाया गया है जो बारिश में कई बार बंद हो जाता है। जिससे ग्रामीण किसान स्कूली बच्चे बाढ़ में कई घंटो रुकना पड़ता है।
वही मोतीनाला नक्सल प्रभावित छेत्र है मोतीनाला में केंद्रीय रिजर्व बल हॉक फोर्स मध्य प्रदेश शस्त्र बल जिला पुलिस बल की पदस्थापना की गई जो नक्सली गतविधियों एवम अपराधो में अंकुश लगा सके पुल होने से पुलिस की पेट्रोलिग भी प्रभावित होती है। मोतीनाला पुलिस की 100डायल वाहन एंबुलेंस का संचालन संचालन भी प्रभावित होता है।
वही फेन अभ्यारण का पर्यटन भी प्रभावित होती है जनसुनवाई मंडला कलेक्टर से लेकर प्रधान मंत्री कार्यालय भारत सरकार तक पत्र व्यवहार किया जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग जबलपुर द्वारा कार्य स्थल को निरीक्षण कर स्टीमेट बनाकर दिनांक 30/12/22 को मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग सेतु परिक्षेत्र भोपाल भेजी गई जिसकी अनुमानित लागत 625.40 लाख रु बताई गई है। पर जानकारी के अनुसार पुल की स्वीकृति शासन स्तर से नही हो पाई है जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीण जनों में रोष नजर आ रहा है। ओर कही न कही ग्रामीणों यह रोष आगामी विधानसभा समय मे होंने वाले चुनाव को प्रभावित कर सकता है।
इनका कहना है कि...
फेन नदी में पुल नही होने से आसपास के सभी को समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है और पुल निर्माण के लिए जिला मुख्यालय तक ग्रामीणों ने शिकायतें की है। लेकिन कोई कार्रवाई आगे नही बढ़ी, पुल निर्माण होने की स्थिति में क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। ग्रामीणों को फायदा होगा।
सरपंच परसेल
अगर फेन नदी में पुल बन जाये तो मवई और मोतीनाला के लोगो को बहुत लाभ होगा दूरी भी कम हो जायेगी, पुल निर्माण के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहे है। विभागीय अधिकारियों ने यहां निरीक्षण किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई आगे नही बढ़ी है। पुल यहां फेन नदी पर बेहद जरूरी है और निर्माण के लिए प्रयास करते रहेगे।
समाजसेवी मोतीनाला
फेन नदी पर पुल निर्माण की मांग पर स्थल निरीक्षण किया जा चुका था, पर वहां पर वन विभाग की जमीन है, विभाग की अनुमति आवश्यक है, तब जाकर पुल निर्माण कार्य स्वीकृत होगा। प्रयास जारी है
विनोद कोरी, उपयंत्री सेतु निगम
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