हरिसिंघौरी पंचायत के पोषक ग्राम बरमदाना को पंचायत ने बनाया उपेक्षा का शिकार ग्राम पंचायत बागडोर कुछ तथाकथित लोगों के साथ होने विकास की गति मे बनी रूकावटें - revanchal times new

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निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

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Monday, July 3, 2023

हरिसिंघौरी पंचायत के पोषक ग्राम बरमदाना को पंचायत ने बनाया उपेक्षा का शिकार ग्राम पंचायत बागडोर कुछ तथाकथित लोगों के साथ होने विकास की गति मे बनी रूकावटें







रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले के विकास खण्ड निवास की ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम की समस्या के निदान पर नहीं है रूची, ग्रामीणों ने पुनः लगाई कलेक्टर के पास गुहार 

       जनपद पंचायत निवास अन्तर्गत ग्राम पंचायत हरिसिंघौरी  टोला बरमदाना के लिए बर्ष 2004 मे स्वजल धारा योजना के राशि स्वीकृत हुई थी इसके सामुदायिक भवन फिर रंगमंच की की शासन से स्वीकृत मिली किन्तु इस गांव का दुर्भाग्य कहें या ग्राम पंचायत के तथाकथित नेताओं की सहमति या भ्रष्टाचार से तीनों योजना मे भ्रष्टाचार की होली खेली गई जिससे सरकार की मंशा अनुरूप इस गांव को इन योजनाओं के लाभ से बंचित होना पड़ा, इस संबंध मे लोगो द्वारा शिकायत कर जांच की मांग की गयी जिसमे जिला पंचायत न्यायालय ने जांच उपरांत ग्राम पंचायत को  दोषी  मानते हुए, वहां पूर्व मे पदस्थ सरपंच सचिव के ऊपर लगभग 5 लाख की रिकवरी निकाते हुए बसूली के आदेश जारी किये गये। किन्तु विभाग न्यायलय के आदेशों का कितना पालन करता है वह विभाग जाने रिकवरी की जा रही है या नही यह विभाग ही बता सकता है? 


बरामदाना टोला मे ना सामुदायिक भवन ना ही रंगमंच का अभाव-

इस गांव मे कहने को सामुदायिक भवन एवं रंगमंच निर्माण कार्य प्रारंभ तो हो गया था पर पंचायत के सरपंच सचिव द्वारा उस राशि से अपनी जेबें गरम कर उन काम को अधूरे छोड़ दिए गए और आज वे निर्माण अपने पूर्ण निर्माण की गाथा बंया करते खण्डहर मे तब्दील हो गये। जिससे सरकार द्वारा जन हितैषी योजना का लाभ से इस गांव को बंचित होना पड़ा।


गांव मे जल संकट का नही हो रहा हल-

इस गांव की पुरानी मांग जल संकट की जिसके लिए लगातार गांव के लोगों द्वारा मांग की जा रही है जिसकी शिकायत पंचायत से लेकर जिला कलेक्टर और सीएम हेल्पलाइन तक की जा रही है किन्तु ध्यान नही दिया जा रहा केवल संबंधित विभागों द्वारा एक दूसरे के ऊपर कार्य करने हेतु थोपा जा रहा है और ताकि बारिश होते ही इस समस्या मे खुद मय खुद विराम लग जायेगा पर वहां आज भी गांव के लोग पानी के लिए तरस रहे। विभागीय आला अधिकारी बैठे तमाशा देख रहे हैं।


कलेक्टर जनसुनवाई मे गया था मामला -

ग्रामीणों द्वारा गांव में हो रहे जल संकट के संबंध में दिनांक 16/05/2023 को कलेक्टर जनसुनवाई  में शिकायत की उस समय अपर कलेक्टर ने गांव की समस्या की सुनवाई करते हुए, पीएचई ई से चर्चा की तो उन्होंने कहा इस गांव में पीएचई द्वारा बोर करा कर 2 हार्स पावर डाल दी गई है किन्तु पानी अधिक गहराई में होने की बजह से वह मोटर पानी सही नहीं फेंक पा रही है वहां 5 हार्स पावर की मोटर लगने से समस्या का समाधान हो जायेगा, विभाग के पास  5 हार्स पावर की मोटर न होने से यह काम पंचायत द्वारा करा दिया जाए,  विभाग द्वारा कार्य का स्टीमेट ग्राम पंचायत को में दिया जायेगा, इस पर अपर कलेक्टर अपनी सहमति भी दे दी थीं।


पीएचई ने ग्राम पंचायत को दिया कार्य का स्टीमेट -

पीएचई विभाग द्वारा तत्काल मोटर और पाईप लाईन का स्टीमेट बनाकर ग्राम पंचायत को दिया तो पंचायत द्वारा उक्त कार्य को कराने में आनाकानी कर रही है और पंचायत पीएचई विभाग को पत्र देखकर स्टीमेट के आधार पर राशि की मांग कर रही है। जबकि सूत्रों से जानकारी मुताबिक पंचायत के पास पर्याप्त फंड भी है बाबजूद इसके वह इस गांव के कार्य के लिए क्यों प्रस्ताव पारित कर कार्य नहीं करा रही इसका जबाव केवल पंचायत ही दे सकती है। 

     बतादे ग्राम पंचायत को शासन द्वारा राशि गांव के विकास के लिए दी जाती है बैंक में जमा रखने के लिए नहीं, किन्तु यहां यही देखने को मिल रहा है वह राशि खर्च नहीं की जा रही और तो और पंचायत के जबावदारों द्वारा गांव के लोगों से कहना  हैं  कि स्टीमेट के अनुसार राशि स्वीकृत करा दो फिर हम कार्य करा देंगे। जिससे स्पष्ट होता है की पंचायत के जबावदारों की रूचि इस गांव बरमदाना टोला में नहीं है।

         गांव के ही निवासियों ने दिनांक 21/06/2023 को कलेक्टर ओरे जिला पंचायत सीईओ के पा शिकायत कर समस्या के निदान हेतु आवेदन दिया है। बावजूद आज भी समस्या का निदान नहीं हुआ और पंचायत द्वारा परिवहन कर गांव पानी की पूर्ति कराई जा रही है।

         



1-पीएचई विभाग का स्टीमेट जो पंचायत को दिया गया।

2-ग्राम पंचायत द्वारा जारी पीएचई विभाग को पत्र

3- कलेक्टर को की गई पुनः शिकायत

4-जनसुनवाई की शिकायत


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