औषधि निरीक्षक एवं सीएमएचओ कर रहे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ , जिम्मेदारों के अलग-अलग कथनों से भ्रष्टाचार और लापरवाही का खुलासा, दवा विक्रेताओं ने स्वास्थ्य के प्रति अपनाया मनमानी रवैया - revanchal times new

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निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

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Saturday, July 8, 2023

औषधि निरीक्षक एवं सीएमएचओ कर रहे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ , जिम्मेदारों के अलग-अलग कथनों से भ्रष्टाचार और लापरवाही का खुलासा, दवा विक्रेताओं ने स्वास्थ्य के प्रति अपनाया मनमानी रवैया




रेवांचल टाईम्स - मण्डला आदिवासी बाहुल्य जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों का सिलसिला तेजी से फल-फूल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की मासिक वसूली के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था की लचरता एवं लापरवाही बढती जा रहा है। वही जिला औषधि निरीक्षक शरद जैन की दिनों-दिन बढ़ती जा रही मासिक वसूली की मयसाक्ष्य शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीनाथ सिंह को की गई थी परन्तु सीएमएचओ की हिस्सेदारी बटोरने का रवैया जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को दलालों के हवाले सौंपा गया। जिले में औषधि विभाग के जिम्मेदारों की उदासीनता एवं लापरवाही का कोई ठिकाना नहीं है। आये दिन स्वास्थ्य सेवाओं एवं दवा विक्रेताओं की लापरवाही एवं मनमानी रवैया की खबरों का प्रकाशन तथा शिकवा-शिकायत  सीएमएचओ, बीएमओ, डी आई, डीएचओ, डीआईओ की करतूतों का पर्दाफाश को लेकर सुर्खियों में उठ रहे सवालों के बावजूद भी जिले में पदस्थ जिला औषधि निरीक्षक की कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। जिले में पदस्थ जिला औषधि निरीक्षक शरद जैन अपने घर में बैठकर लोगों की जिंदगी का मुआयना करते हैं, विगत दिवस जिले के सीएचसी नैनपुर अंतर्गत रेल्वे चिरईडोंगरी में एक  दवा दुकान में एक्सपायरी दिनांक की दवाइयां पाई गई थी, जो स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी नाकामी का नतीजा है।वहीं मेडिसिन को लेकर जनमानस को हो रही समस्या को लेकर जब औषधि निरीक्षक शरद जैन को फोन किया जाता है तो उनके द्वारा फोन पर भी कोई सम्पर्क नहीं किया जाता नतीजा दवा विक्रेताओं द्वारा जिले में मनमानी रवैया अपनाया जा रहा है।

जिम्मेदार नहीं कर रहे दवा दुकानों का निरीक्षण

जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीनाथ सिंह को मनमानी अटैचमेंट करके नोट छापने से फुरसत नहीं है,जिले में वैक्सीनेशन का डाटा श्रेणी निम्न होने का मुख्य कारण सीएमएचओ द्वारा एमपीडब्ल्यू को अपनी सेवा-सत्कार में अटैचमेंट करना है।कमीशन और हिस्सेदारी का स्तर इतना बढ़ गया है कि उपस्वास्थ्य केन्द्रों को भगवान भरोसे छोड़कर एमपीडब्ल्यू को सेवा सत्कार हेतु सीएचसी में शासकीय आवास मुहैया करवाया जा रहा है,वहीं दूसरी ओर मासूम जनता की जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया के बीएमओ डॉ रविकांत उइके का कहना है कि मेरे द्वारा दवा दुकानों एवं विक्रेताओं का अभी तक कोई निरिक्षण नहीं किया गया है। डॉ उइके ने बताया कि सीएमएचओ,कलेक्टर अथवा पत्रकारों और नेताओं द्वारा जब तक कोई शिकवा-शिकायत अथवा समाचार प्रकाशन नहीं किया जाता तब तक हमारे द्वारा कोई निरिक्षण नहीं किया जाता। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा दी गई इस तरह के ब्यान से स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मासूम जनता की जिन्दगी का खुलेआम जुआं खेला जा रहा है जिसका फायदा जिले के झोला छाप डॉक्टर एवं बगैर पंजीयन के दवा विक्रेताओं द्वारा लिया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवा की नियमावली अनुसार बीएमओ का यह दायित्व होता है कि वह अपने सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र में चलने वाली दवा दुकानों एवं चिकित्सकों का समय-समय पर निरीक्षण करे ताकि चिकित्सकों की चिकित्सा व्यवस्था एवं औषधि विक्रेताओं की नियमावली का निरीक्षण किया जा सके।

           वही मण्डला एक आदिवासी बाहुल्य जिला है यहां चिकित्सा विभाग की लापरवाहियों के चलते आये दिन मासूम जनता की जिन्दगी से खिलवाड़ किया जा रहा है,ऐंसे में एक बीएमओ द्वारा दिया गया उक्त ब्यान स्वास्थ्य विभाग द्वारा आम जनता को खुली चुनौती है जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का स्तर किस कदर हावी हो चुका है जहां चोर-चोर मुसैरे भाई होने के चलते जिम्मेदारों द्वारा निरीक्षण को लेकर कोई बड़े हादसे का वेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।

दवा विक्रेताओं की कमीशन पर चल रही लोगों की जिंदगी

जिले में दवा विक्रेताओं की कोई गिनती नहीं है।वहीं औषधि निरीक्षक शरद जैन भी जिले से लापता है,ऐंसे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीनाथ सिंह द्वारा दवाई दुकानों से चल रही मासिक वसूली सोने में सुहागा तथा दवा विक्रेताओं की चांदी ही चांदी है।सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 अंतर्गत औषधि विभाग से जिले में पंजीकृत दवाई दुकानों की सूची मांगी गई है परन्तु लोक सूचना अधिकारी शरद जैन जानकारी देने से बचने हेतु जिले से गायब हो चुके हैं वहीं प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने स्वयं के पास कोई जानकारी नहीं होना बताया सीएमएचओ डॉ सिंह ने बताया कि औषधि निरीक्षक शरद जैन से में स्वयं परेशान हुं जिले में आये दिन बगैर पंजीयन के दवा दुकानों की लाइन लग रही है परन्तु औषधि निरीक्षक द्वारा हमें कोई सूची प्रस्तुत नहीं की जाती है,जिससे पंजीकृत एवं गैरपंजीकृत दवा दुकानों की छंटनी नहीं की जा सकती है।सूचना का अधिकार विभाग के दारोमदार प्रमोद मसराम का भी कहना है कि आपके द्वारा मांगी गई कोई जानकारी हमारे पास नहीं है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीनाथ सिंह का कहना है कि औषधि निरीक्षक शरद जैन की लापरवाही जिले में बहुत अधिक बढ़ गई है जिसको लेकर मेरे द्वारा औषधि निरीक्षक शरद जैन को हटाने को लेकर पत्र भेजा जा चुका है परन्तु विभागीय लापरवाही के चलते औषधि निरीक्षक द्वारा यह मनमानी रवैया अपनाया जा रहा है।

जिले में हजारों दवा दुकानें हैं परन्तु उन दवा दुकानों में कितने दुकान पंजीकृत हैं इसकी जानकारी कौन देगा।जिले के चिकित्सक भी अपनी निजी कमाई को लेकर मरीजों को वही दवाईयां प्रोवाइड करते हैं जिसमें उन्हें कमीशन मिले और इस तरह दवाओं की मार से लोगों की जिंदगी और जेब दोनों के साथ सौदेबाजी किया जा रहा है।जिले में चल रहे दवा विक्रेताओं की इस मनमानेपन को लेकर जब औषधि निरीक्षक शरद जैन से बात करना चाहा तो उन्होंने फोन भी रिसीव नहीं किया मामले को लेकर जब उनके कार्यालय पहुंचे तो वहां बताया गया कि उनके आने-जाने का कोई ठिकाना नहीं है,औषधि निरीक्षक कब आते हैं कब जाते हैं इसका कोई भरोसा नहीं।

बसूली हेतु तैनात किया गया है अपने बसूलीकर्मी 

जिले में बगैर पंजीयन और बगैर फार्मासिस्ट के सैंकड़ों दुकानें चलाई जा रही है परन्तु जिम्मेदारों को इंसानी जिंदगी से खिलवाड़ करने का मुआवजा मिलता है इसलिए उन्होंने इस खेल के लिए अपने नुमाइंदों को फील्ड वर्क दे दिया है।किस कम्पनी की दवाई कहां बेची जा रही,जिसके पास होम्योपैथिक का डिप्लोमा है वह ऐलोपैथिक दवाई दुकान संचालित कर रहा है,जिसके पास आयुर्वेदिक डिप्लोमा है वह ऐलोपैथिक दवाई के साथ लोगों का इलाज कर रहा है इस तरह रुपयों की कमाई के चलते लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है परन्तु जिम्मेदारों ने अपनी हिस्सेदारी बटोरने के चलते अपनी आंखें बंद कर जिले से बाहर आराम फरमा रहे हैं।

जिले में ऐंसे अनेकों दुकानों की कतार है जहां एक फार्मासिस्ट की पंजीयन पर दो और तीन दुकानों को संचालित किया जा रहा है। मामले को लेकर जब औषधि निरीक्षक शरद जैन से जानकारी मांगी गई तो वो कहीं और जिले से बाहर आराम फरमा रहे हैं और उनका हिस्सा बकायदा समय पर पहुंच जाता है जिसके लिए जिले में बसूलीकर्ता तैनात हैं जो जिले की दवा विक्रेताओं से अपनी और अपने आकाओं की हिस्सेदारी और कमीशन बसूलने का काम करते हैं।जिले में नौ सीएचसी है और सभी सीएचसी के बीएमओ की यह जवाबदारी है कि वह अपने-अपने क्षेत्रों के दवा दुकानों तथा झोलाछाप डॉक्टरों का निरीक्षण करे ताकि मासूम जनता की जिन्दगी से खिलवाड़ नहीं किया जा सके परन्तु जिम्मेदारों ने अपनी निजी कमाई के चलते अपना-अपना मासिक हिस्सेदारी बांध रखा है और स्वास्थ्य विभाग के इन भ्रष्टाचारीयों को मासूम जनता की जिन्दगी से कोई लेना देना नहीं।

इनका कहना है----

01--हमारे विभाग द्वारा लगातार जिले में दवा दुकानों का निरीक्षण किया जा रहा है।

                                 डॉ श्रीनाथ सिंह

                             सीएमएचओ मण्डला।

02-जिला कलेक्टर एवं सीएमएचओ सर के आदेश नहीं होने तथा शासकीय योजनाओं में व्यस्तता के चलते लम्बे समय से हमारे द्वारा दवा दुकानों का कोई निरीक्षण नहीं किया गया।

                              डॉ रविकांत उइके

                          बीएमओ सीएचसी बिछिया।

03-मेरे पास दो-तीन जिलों का प्रभार होने के चलते में व्यस्त रहता हूं इसलिए दवा दुकानों का निरीक्षण नहीं हो पा रहा है।

                                   शरद जैन

                             औषधि निरीक्षक मण्डला।

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