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निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

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Monday, July 10, 2023

जिले की अजब है कहानी गज़ब है शिक्षा व्यवस्था दस बर्षों बाद नहीं हो सका शाला भवन का निर्माण कार्य, विभाग और निर्माण एजेंसी को यह नहीं मालूम की स्वीकृति राशि कहां गयी?

 






रेवांचल टाईम्स - मण्डला आदिवासी बाहुल्य जिले में भ्रष्टाचार और अधिकारी कर्मचारीयो के भ्रष्ट रवैये के चलते आज जिले की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है और सालों से हो रहे भ्रष्टाचार चाहे वह शौचालय हो या अतिरिक्त भवन या फिर नया भवन हर भवन अपनी भ्रष्टाचार की बलि चढ़ चुका है आज भी जिले में ऐसे भवन है जिनकी नीव भी नही डली और कुछ की दीवारें खड़ी हुई है और वह सरकारी पोर्टल में पूर्ण बता रहा है और उसकी जमी हकीकत कुछ और ही व्या करती है।

        आज जिले की गिरती शिक्षा व्यवस्था के संबंध लापरवाही की अनेकों जानकारी तो आ ही रही है जिससे शासकीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है वहीं इसका फायदा निजी स्कूलों को मिल रहा है। अनेकों समाचार प्रकाशित कर आला अधिकारियों को संज्ञान में लाया जाने के बाद भी संबंधित विभागीय अधिकारी अपनी लापरवाही करने से नहीं चूक रहे हैं। जिससे सरकार कि मंशा अनुरूप जिले ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब मासूम बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है जबकि सरकार द्वारा उनके लिए अच्छी गुणवत्ता युक्त शिक्षा व्यवस्था के लिए अनेकों योजनाओं का क्रियान्वयन कर लाभ देने की व्यवस्था की गयी है। किन्तु जिले में बैठे आला अधिकारी उन योजनाओं को ठेंगा दिखाते हुए भ्रष्टाचार या लापरवाही करने से नहीं चूक रहे हैं।


ये हैं मामला -

जिला मुख्यालय से लगभग 15 कि.मी. दूर मण्डला जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सिलपुरा के पोषक ग्राम बुजबुजिया में संचालित प्राथमिक शाला के जर्जर भवन के  होने की दशा में नये अतिरिक्त कक्ष भवन के लिए बर्ष  2012-13 में शासन  से लगभग 3 लाख एक हजार रुपए स्वीकृत किए गए थे, जिसपर विभाग जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सिलपुरा को बनाते  हुए राशि लगभग 1 43000/- ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी के खाते में में दी गयी थी। किन्तु जिले का दुर्भाग्य है की इन दस सालों बाद भी शाला का भवन आज तक नहीं बनाया गया ना ही निर्माण से संबंधित कोई कार्य कराया गया, जिससे यह प्रश्न उठना लाजिमी है की आखिर स्वीकृत राशि कहां गयी?


दस साल बाद भी भवन निर्माण न होने पर मीडिया ने किया हस्तक्षेप ली जानकारी -


         भवन निर्माण न होने की जानकारी मिलते ही जब मीडिया दैनिक समय जगत के जिला प्रतिनिधि ने भवन निर्माण के मामले पर हस्तक्षेप करते हुए। ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच और सचिव से बात की तो उन्होंने ने स्पष्ट यह कह दिया इस संबंध में हमें कोई जानकारी है ना ही हमारे खाते मे कोई राशि भेजी गयी है? यह कहकर पंचायत के सरपंच, सचिव अपना पल्ला झाड़ते नजर आये।

           इस संबंध संबंधित विभाग जिला शिक्षा केन्द्र के आला अधिकारियों से चर्चा की गयी तो उन्होंने कहा की राशि निर्माण एजेंसी को प्रथम किस्त भेजी जा चुकी है, पर हमें  निर्माण कार्य क्यों नहीं हुआ और राशि कहां गयी इस संबंध में जानकारी नहीं है। यह कहकर विभाग ने अपना हाथ खिंचते नजर आया। तो फिर वह पैसा कहां गया?


मीडिया ने की तहकीकात की आखिर स्वीकृत राशि का पैसा  गया कहां-


         जब इसकी मीडिया द्वारा तहकीकात की तो पता चला की दस साल पहले जिला शिक्षा केन्द्र ने निर्माण एजेंसी पंचायत के बैंक आफ इंडिया के खाते में पैसे भेजे गये थे, किन्तु बर्ष 2014 में पंचायत के एकल खाते होने के समय इस खाते की जानकारी पूर्व सरपंच सचिव नहीं दी, ना ही इस राशि को समायोजित  किया।  किन्तु  वह स्वीकृत राशि बैक के खाते में आज भी जमा है, पर शासन के आदेश का उल्लघंन करना की समय सीमा शाला भवन का निर्माण न होना और जमा राशि के विषय में जानकारी न होना,

 एक बड़ी लापरवाही और अपराध की श्रेणी में आता है।

         वहीं जिला शिक्षा केन्द्र के आला अधिकारियों की इस लापरवाही उतनी ही भागीदारी है जितनी पंचायत की क्योंकि उन्हें यह नहीं पता यहां भवन बना या नहीं अगर नहीं तो क्यों नहीं बना या फिर पैसा कहां गया आदि अगर ऐसा नहीं है तो उनके द्वारा निर्माण एजेंसी को क्यों निर्देशित नहीं किया गया या फिर पैसा वापस लेकर दूसरी एजेंसी को क्यों काम नहीं दिया गया, आदि इससे स्पष्ट होता है कि विभाग द्वारा इस निर्माण कार्य में बिशेष रूचि नही ली गयी। जिससे आज तक मासूम बच्चों को नये भवन का लाभ नहीं मिल सका।


         वही सूत्रो से प्राप्त जानकारी अनुसार बुजबुजिया का शाला भवन के नये भवन के निर्माण कार्य स्वीकृत तो थी किन्तु यह जानकारी में आया है कि उक्त शाला का नाम भवन निर्माण के एजूकेशन पोर्टल से अलग किया गया है। जबकि पोर्टल से अलग करने का अधिकार डीपीसी या एसडीओ  को होता है। इसमें कितनी सच्चाई है जांच होने के बाद स्थिति साफ हो सकती है।


इनका कहना है -

उक्त निर्माण कार्य मेरे कार्यकाल का नहीं है इसलिए में इस संबंध में जानकारी नहीं दे सकता।

                               नरेश मार्को

                                 सरपंच 

                      ग्राम पंचायत, सिलपुरा

                     जनपद पंचायत, मण्डला 


आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया में निर्माण शाखा से जानकारी लेकर वैधानिक कार्यवाही करूंगी।

                              सुनीता बर्बे

                              डीओ, मण्डला


मैं संबंधित विभाग से जानकारी लूंगा अगर यह लापरवाही पायी गयी तो संबंधित के ऊपर कार्यवाही हेतु विभाग को लिखा जायेगा।

                   देवीसिंह सैयाम

                       विधायक

             विधानसभा क्षेत्र, मण्डला

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