भ्रष्टाचार को रोकने में मीडिया की अहम भूमिका पर जिम्मेदार खपा, मीडिया ना हो तो अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि जिले को भून कर खा जाएं... - revanchal times new

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निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

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Thursday, June 1, 2023

भ्रष्टाचार को रोकने में मीडिया की अहम भूमिका पर जिम्मेदार खपा, मीडिया ना हो तो अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि जिले को भून कर खा जाएं...





रेवांचल टाईम्स - मंडला, आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी फैल गई और हर तरफ मजबूर भी हो रही है। जिले में संचालित आज हर विभाग में भ्रष्टाचार रिश्वतख़ोरी ग़बन चरम सीमा पर हैं। अगर मीडिया का दखल ना हो तो जिले के अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि जनता के अधिकार, उनकी योजना, जिले के विकास के होने वाले जन हितैषी कार्यो को भून कर खा जाएं। जिसका ताजा उदाहरण है कि मंडला आदिवासी जिला में एक के बाद एक रिश्वत लेने और भ्रष्टाचार ग़बन के मामले उजागर हो रहे हैं। इससे ही अनुमान लगाया जा सकता है जिले के हर विभाग में कितना गोलमाल और जन हितैषी योजना में कितना भ्रष्टाचार किया जा रहा होगा। मीडिया के दखल के कारण कुछ अधिकारी कर्मचारी दहशत में रहते हैं। मीडिया का दखल समाज हित में बहुत ही सराहनीय योगदान होता है और उसे चौथा स्तम्भ से नवाजा भी गया पर आज मीडिया केवल और केवल जनता और अधिकारी में चल रहे कृत्यों को उजागर कर रही है तो आज मीडिया को बदनाम करने की कोशिशें भी की जा रही है क्योंकि मीडिया ही इन भ्रस्ट भ्रष्टाचार को जनता के सामने ला रही है। जिले में चल रहे हलचलों को लेकर मीडिया शासन-प्रशासन और जनमानस को सच का आईना दिखाता है।



निर्माण कार्य में हो रहा भारी भ्रष्टाचार

जिले भर के ग्राम पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्यों को गुणवत्ताहीन कराकर भारी भ्रष्टाचार ग़बन किया जा रहा है। मीडिया कर्मी जिले भर हो रहे निर्माण कार्यों की जानकारी स्थानीय लोगों के द्वारा मीडियाकर्मी को जानकारी देने पर मीडियाकर्मी मौके स्थल पर जाकर कवरेज कर गुणवत्ता हीन कार्यों की जानकारी समाचार पत्र व टीवी चैनलों के माध्यम से शासन-प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी सम्बंधितो के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर 10-10 लाख की पुलिया को डेढ़ से 02 लाख में बनाकर इतीश्री की जा रही है, और एसडीओ और उपयंत्री जनपद में बैठे जिम्मेदार अपना परसेंट लेकर मूल्यांकन और सीसी जारी कर रहे हैं। एक निर्माण कार्यों के दो-दो बार टीएस कराकर दो-दो बार राशि मटेरियल सप्लायर के खाते में राशि डालकर बंदरबांट कर रहे हैं और मौके स्थल पर एक ही निर्माण देखने को मिलेगा।अगर अधिकारी कर्मचारी ऐसे निर्माण कार्यो को देखना चाहेंगे तो मीडिया कर्मी दिखाने को तैयार हैं।


पीएम आवास नहीं बने और निकाल ली गई राशि

मीडिया कर्मी के द्वारा ऐसे बहुत सी ग्राम पंचायतों का दौरा शिकायत के आधार पर मौके पर जाकर देखने पर पीएम आवास बना ही नहीं और हितग्राहियों के नाम से राशियां निकाल ली गई। इसमें भी अगर अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा बोला जाता है तो मीडिया कर्मी ऐसी पंचायत व स्थान को दिखा सकती है जहां पर आवास बना ही नहीं और राशि निकाल ली गई।


मीडिया कर्मियों को नहीं कराया जाता दौरा

बता दें की अब जिले के अधिकारी के द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों को दिखाने के लिए पत्रकारों को दौरा भी नहीं कराया जाता। इन्हें ये डर सता है कि कही इनके द्वारा किये गए योजनाओं में लीपापोती सामने न आ जाये इसके पूर्व में अधिकारियों के द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों को दिखाने के लिए पत्रकारों को दौरा कराया जाता था जो अब पूर्णतः बंद करा दिया गया है। दौरा ना कराने कारण भी यह है की अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा अपने निजी स्वार्थों के चलते घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे हैं जिस कारण से पत्रकारों को निर्माण कार्य दिखाने से परहेज़ कर रहे है। अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि अब पत्रकारों से दूरियां रखना बेहतर समझते हैं।

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