सनातन धर्म में कोई भी कार्य बिना मुहूर्त देखे नहीं किया जाता. खासतौर पर शादी-विवाह, सगाई, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे कार्य शुभ मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं. पंचांग के अनुसार आज यानि 27 जुलाई को किस भी शुभ व मांगलिक कार्य के लिए आखिरी मुहूर्त है. क्योंकि आज भड़ली नवमी है जिसे कई जगह भड़ल्या नवमी भी कहा जाता है. इसके अलावा इसे अबूझ साया भी माना जाता है क्योंकि इस दिन कोई मांगलिक कार्य करने के लिए मुहूर्त की जरूरत नहीं होती. अगर आज का दिन निकल गया तो आपको शादी-विवाह और सगाई जैसे कामों के लिए 5 महीने का इंतजार करना होगा
5 महीने तक नहीं होगा कोई मांगलिक कार्य
हिंदी कैलेंडर में भड़ली नवमी के बाद देवशयनी एकादशी आती है और इस दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं. इसलिए चार माह तक कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता. हालांकि, यह चार माह पूजा-पाठ और भगवान की अराधना के लिए बेहद ही शुभ माने गए हैं. लेकिन इस साल अधिकमास भी है और इस वजह से चातुर्मास में एक महीना और बढ़ गया. जिसके बाद इस साल चातुर्मास 4 नहीं बल्कि 5 महीने का होगा. यानि 5 महीने तक कोई शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाएगा.
इस दिन शुरू होंगे होंगे शुभ कार्य
चातुर्मास की समाप्ति कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी के दिन होती है और इस दिन से ही शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं. जो लोग शादी-विवाह की डेट की इंतजार लंबे समय से कर रहे होते हैं उनके लिए देवउठनी एकादशी बेहद ही शुभ मुहूर्त होता है. इसे भी अबूझ मुहूर्त कहा जाता है और इस दिन शादी के लिए मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती. यदि किसी की शादी की डेट नहीं निकल रही या काफी समय बाद की डेट मिल रही है तो देवउठनी एकादशी के दिन भी शादी की जा सकती है. इसे बेहद ही शुभ माना जाता है.
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