रेवांचल टाईम्स - मंडला जिले के वन परिक्षेत्र टिकरिया में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी ने खा गए सी सी सड़क बनाई गई सीसी सड़क में केवल की खानापूर्ति 2 से 3 इंच की बना दिए हैं अधिकारी कर्मचारी कर रहे पैसों को बंदरबाट
वही जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र टिकरिया कार्यालय के अंदर तेंदूपत्ता मद से बनी सीसी रोड जो की 2 से 3 इंच की रोड डिप्टी रेंजर के द्वारा बनाई गई है जिसमें कांक्रीट रोड जिसमें वर्तमान में जगह जगह से दरारे दिख पड़ रही है रोड में भी काफी अनियमितताएं हैं जैसे कि बेस नही बनाया गया और नियमों को ताक में रख बना दी सड़क।
वही वन विभाग के इस कारनामा देख कर एक कहावत सही बैठ रही हैं कि जंगल मे मोर नाचा पर देखा कौन इस प्रकार से जंगल के अंदर जो विभाग के द्वारा कार्य कराये जा रहे है उन्हें देख कौन रहा है इस लिए सरकार से मिलने वाली वनों के अंदर निवासरत ग्रामीणों को मूलभुत सुविधाएं में डाका डालने वाले डकैत हर जगह मौजूद है जहाँ उन्हें सरकार से मिलने वाली तनख़्वाह कम पड़ती हैं तो सरकारी धन में अपनी नियत लगाये बैठे रहते है जबकि इन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि सरकार की ओर से निगरानी रखने और अपने कर्तव्य के प्रति वफादारी से कार्य करने के लिये पर इन भ्रस्टो के चलते आज जिले में हर जगह भ्रष्टाचार मचा हुआ है और कोई भी योजनाएं नही है जहाँ पर ये अपनी कारगुजारी में हाथ की सफाई न दिखाते है पर इन्हें भी पता है कि इन्हें पकड़े गा कौन और कार्यवाही करेगा कौन क्योंकि सब को भूख है नोटो की इस के आगे सब दुम हिलाते नजर आते है। वही जहाँ सीसी रोड का कार्य हुआ है नियम अनुसार कम से कम 6 इंच की मोटाई होनी चाहिए और बेस के साथ अच्छी गुणवत्ता का कार्य होना था लेकिन वर्तमान में जो सीसी रोड बनाई गई है उसकी मोटाई 2 से 3 इंच की दिखाईं पड़ रही है वही ग्रामीणों ने बताया कि ये सब काम डिप्टी साहब की रेख देख में हुआ है और थोड़ा थोड़ा मशाला डाला गया है नीचे कोई बेश या बड़े पत्थरों का मशाला नही डाला गया केवल खानापूर्ति कर दी गई है और जितने भी कम हुए सब ऐसे ही होते है क्योंकि जंगल के अंदर कोई देखने आता ही नही मनमाना काम करते है कौन है देखने वाला कौन है बोलने वाला अगर कोई कहता है तो साहब नाराज हो जाते है और कहते है तुम लोगो को सब सुविधाएं मिल रही तो ज्यादा बात करते हो नियम कानून न बताओ जाओ जहाँ लगे मेरी शिकायत करो जो काम हो रहा वैसा ही होगा अगर तुम लोगो लगता है सही नही है तो तुम ही कर लो जितना पैसा मिलता है उतना ही काम होता है और सब को तो कमीशन देना पड़ता है बिना कमीशन के कोई काम थोड़ी न मिलता है हम तो ऊपर तक कमीशन देते है जब जाकर काम हो रहा है और जी जांच करने या देखने आएगा वो भी खाली हाथ नही जायेगा ऐसा लगता है कि वन परिक्षेत्र टिकरिया में डिप्टी रेंजर की मिलीभगत से तेंदूपत्ता वन समिति की राशियों की होली खेली जा रही है जब अधिकारियों से सीसी रोड की जानकारी ली जाती है तो जानकारी देने के लिए वन परिक्षेत्र के अधिकारी पीछे हट जाते हैं ऐसे ही दो रोड ग्राम पंचायत मैली मैं भी बनाई गई है जिसकी जानकारी डिप्टी रेंजर से पूछी गई तो वह अपना पल्ला झाड़ कर किनारे हो गए, इससे यह स्पष्ट होता है कि डिप्टी रेंजर एवं वन परिक्षेत्र टिकरिया रेंजर की मिलीभगत से राशियों का बंदरबांट किया जा रहा है। रोड के निर्माण के विषय मे डिप्टी रेंजर मनोहर सिंगरौरे से फोन के माध्यम से जानकारी ली गई थी तो उनका साफ कहना था कि हमारे स्टीमेट में इतनी ही मोटाई है और हमने बहुत अच्छे तरीके से रोड बनाई है, लेकिन यह रोड देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि आखिर इस सीसी रोड में कितनी सच्चाई है। इसकी जांच की जानी चाहिए गलत पाए जाने पर दोषियों पर उचित कार्यवाही की जानी चाहिए। साथ ही ऐसे अधिकारियों पर भी कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए जो स्वयं ठेकेदारी कर शासन के पैसों की होली खेल रहे हैं।
इनका कहना है...
मैं अभी-अभी आया हूं मुझे इस विषय में अभी कोई जानकारी नहीं है आपने सी सी सड़क में कई गई अनिमितता की जानकारी मेरे संज्ञान में डाला है मैं इसकी जांच करवा लूंगा।
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