दैनिक रेवांचल टाइम्स - मवई मंडला जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मुख्यालय मवई में अंग्रेजी /देशी कंपोजिट शराब दुकान गांव के बीचो बीच मेन रोड पर स्थित है ।गांधी स्मारक से महज 30 मीटर की दूरी पर यह दुकान वर्ष 2007 - O8 से जमी हुई है |दुकान के ठेकेदार बदले और कर्मचारी जरूर बदलते रहे हैं लेकिन दुकान आज तक नहीं बदली उपरोक्त अंग्रेजी शराब दुकान को हटाकर गांव के बाहर किए जाने के लिए कई बार समय-समय पर जन मांग उठती रही है 'लेकिन आज तक इसका कोई असर नहीं हुआ है जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से भी इस विषय में कई बार चर्चा की गई लेकिन यह तो अंगद के पैर की तरह जड़ जमाए हुए हैं जो भी इसे हटाने की कोशिश करता है वह पैर में ही गिर पड़ता है
खुले और सार्वजनिक स्थानों में बढ़ रही नशाखोरी - मेन रोड पर स्थित होने के कारण हर समय लोगों का आना जाना यहां होता रहता है लोग यहां से शराब की सीसी लेकर पानी पाउच डिस्पोजल की सुविधा के साथ दाएं बाएं कहीं भी अपना शौक पूरा कर रहे हैं ।शाम 7:00 बजे के बाद गांधी चौक ,मंदिर के आसपास खुले में नशेड़ियों की भीड़ देखी जा सकती रात के समय तो आसपास की दुकानों की शेड के नीचे बैठकर नशेड़ी अपना शौक पूरा कर रहे और शीशिओं को तोड़फोड़ भी कर देते हैं |कई उत्पाती और शरारती तत्वों द्वारा मेन रोड पर भी कहीं स्कूल के सामने भी शराब की बोतल फोड़ दी जाती है 'ऐसे ही कई शरारती तत्वों द्वारा जंगल ' सड़क किनारे नदियों के किनारे और खेल के मैदानों में भी नशेड़ियों की पार्टी बेरोकटोक जारी रहती है इस तरह बढ़ती दुश्प्रवृत्ति से आज का युवा वर्ग दिग्भ्रमित होता जा रहा है | इन कतारों में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं हाट - बाजार मंडई -मेले और त्योहारों में महिला वर्ग को भी इनमें संलिप्त देखा जा सकता है उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर सरकार को सामाजिक सुरक्षा 'सामाजिक न्याय ' स्वास्थ्य सुरक्षा 'धार्मिक सुरक्षा और आपराधिक वृत्ति से बचाव हेतु इन पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है ।
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