वैसे तो हफ्ते का हर दिन किसी न किसी देवता को अर्पित है और इन्हें शुभ माना जाता है, लेकिन इनमें से कुछ दिनों में कई चीजों की मनाही होती है। जैसे कि झाड़ू खरीदना, नाखून काटना व बाल काटना। धम्र और ज्योतिष में हर किसी चीज के लिए अच्छे और बुरे दिनों का वर्णन किया गया है।
बड़े-बुजुर्ग अक्सर कहते हैं कि इस दिन नाखून मत काटो, इस समय नाखून मत काटो। खासकर वो हफ्ते में गुरुवार, शनिवार और मंगलवार के दिन नाखून काटने के लिए सख्त मना करते हैं। उनका मानना होता है कि इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। ऐसे में किस दिन और किस समय नाखून काटे से सवाल दिमाग में अक्सर आता है तो आज हम आपको बताएंगे कि हफ्ते में किस दिन नाखून काटाना सबसे शुभ माना जाता है और तो और इससे लक्ष्मी भी खुश होती हैं।
शुक्रवार–
वैसे गुरुवार, शनिवार और मंगलवार को छोड़कर किसी दिन भी नाखूनों को काट सकते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसके लिए सबसे शुभ दिन शुक्रवार को माना गया है। कहते हैं इस दिन नाखूनों को काटने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। जीवन में धन-दौलत, समृद्धि, सौंदर्य बढ़ता है साथ ही साथ रिश्तों में मधुरता बढ़ती है।
सोमवार–
सोमवार के दिन को भी नाखूनों के काटने के लिए अच्छा माना जाता है। ये सभी को पता है कि इस दिन को भगवान शिव, चंद्रमा और मन से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में इस दिन नाखून काटने से तमोगुण से छुटकारा मिलता है।
बुधवार –
अगर आप भी आकस्मिक धन की चाह रखते हैं कि आपके लिए नाखून काटने के लिए उचित दिन बुधवार होगा। इस दिन को भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। ऐसे में इस दिन नाखून काटने से आकस्मिक धन मितला है और करियर में नए रास्ते बनते हैं।
रविवार-
अक्सर लोग छुट्टी होने के चलते रविवार को इन सब कामों के लिए चुनते हैं। अगर आप भी इस दिन बाल, नाखून काटने का काम करते हैं तो आज ही बंद कर दें। इससे आत्मविश्वास घटता है, सफलता में बाधा आती है। साथ ही साथ इसका असर सेहत पर भी पड़ता है।
इन तीन दिन न काटें नाखून-
गुरुवार, शनिवार और मंगलवार को भूलकर भी नाखून नहीं काटने चाहिए। मंगलवार को नाखून काटने से कर्ज बढ़ता है तो वहीं शनिवार को नाखून काटने से शनि देव नाराज हो जाते हैं और इससे आपका शनि कमजोर हो जाता है जिसका सीधा असर आपके जीवर पर पड़ता है। वहीं गुरुवार को नाखून काटने से मनाही तो है, लेकिन कई जगह उल्लेख है कि इस दिन नाखून काटने से सत्व गुण बढ़ता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. रेवांचल टाईम्स इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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