दैनिक रेवांचल टाइम्स - मंडला संविधान निर्मता डाक्टर भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर सैंकङो बसनिया(औढारी) प्रभावित महिला- पुरूष उनके योगदान को याद करने औढारी गांव में एकत्रित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा और अम्बेडकर जी के चित्र पर फुल माला और दीपक प्रज्वलित कर किया गया।बसनिया (औढारी) बांध विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष बजारी लाल सर्वटे ने कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए कहा कि बाबा साहब ने आजीवन बंचितों को संवैधानिक अधिकार और न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करते रहे।बिरसा मुंडा से लेकर जयपाल मुंडा तक जल जंगल जमीन और संस्कृति बचाने का लम्बा संघर्ष का इतिहास है।जिसमें हमारे लाखों पुरखे शहीद हो गए। आज फिर विकास के नाम पर बसनिया बांध बनाकर क्षेत्र को उजाङने का षडयंत्र किया जा रहा है,जिसे किसी किमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।हमलोग मिलकर संवैधानिक तरीके से इस लङाई को लङेंगे।इस संगठन के उपाध्यक्ष तितरा मरावी ने अपने उद्बोधन में कहा कि धरती और नर्मदा को हम माता मानते हैं।इसका सौदा नहीं किया जाएगा।उन्होने भोपाल सत्ता को पेसा कानून 1996 और मध्यप्रदेश नियम 2022 के अनुरूप आदिवासी क्षेत्रों में स्वशासन चलाने का हिदायत दिया।शिवरतिया बाई ने कहा कि जब हमारा खेती और जंगल बसनिया बांध में डूब जाएगा तो हम अपने बच्चे का कैसे पालन होगा? इस कार्यक्रम को हेमराज मसराम, सोहन मलगाम, राजेश परस्ते, मोहन परस्ते, लम्मू सिह मरावी,बलिराम मरावी,दुर्गा बाई धुर्वे,ननीहा बाई आदि ने संबोधित भी कार्यक्रम को संबोधित किया।उपस्थित जन समुदाय ने इस अवसर पर अपने जल जंगल जमीन जैव विविधता और संस्कति को बचाने के लिए बसनिया बांध को निरस्त कराने के संघर्ष को मजबूत करने का सामूहिक संकल्प लिया।इस कार्यक्रम में बरगी बांध विस्थापित एव प्रभावित संघ के राज कुमार सिन्हा, शारदा यादव, हजारी लाल झारिया और दरगढ,चिमका टोला,बरझङ,दुपट्टा,पङादर,औढारी आदि गांव के लोग शामिल थे।कार्यक्रम का संचालन महेश परस्ते ने किया।
Friday, April 14, 2023

बसनिया प्रभावितों ने अधिकारों की रक्षा का लिया संकल्प
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