दैनिक रेवांचल टाइम्स सिवनी - हर जिला में माता के कई स्थान स्वयं सिद्धि माने जाते हैं जहां पर भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती हैं ऐसा एक स्थान है
छपारा से कुछ आगे गणेशगंज से पहले पढ़ने वाला बंजारी माता मंदिर! हर नवरात्र में यहां पर भक्तों की काफी भीड़ रहती है और भक्ति धारा लगातार प्रवाहित
होती रही है, इस नवरात्र मां बंजारी माता मंदिर में 2345 कलशों की स्थापना की गई है, जंगल के बीच विराजी हैं माता बंजारी माता का मंदिर जंगलों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग गणेशगंज छपारा के किनारे विराजमान है जो भी यात्री चाहे वह पैदल जा रहा है अथवा ट्रक बस का आदि से सफर कर रहा है बिना माता के दरबार में सीस झुकाए आगे नहीं बढ़ता है सिवनी से जबलपुर मार्ग पर छपारा तहसील मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर जहां मुख्य मार्ग पर माता बंजारी का मंदिर स्थापित है वैसे तो बंजारी माता के मंदिर हर शहर व जिला से बाहर निकलने वाले मार्गों पर मिलेगा इन मंदिरों की स्थापना बंजारों द्वारा तब की गई थी जब वे एक गांव से दूसरे गांव जाया करते थे बीच में जंगल घाटी आदि होने पर दुर्घटनाओं से स्वयं वाह बंजारों को बचाने के लिए माता की स्थापना करते हुए चलते थे इसलिए इन्हें बंजारी माता कहां जाता है! बंजारों के काल से चली आई यह परंपरा आज भी कायम है इन मंदिरों में हार धर्म जाति के लोग श्रद्धा भावो के साथ आकर शीष नवाते हैं! ऐसी मानता है कि माता का आशीर्वाद लेकर घाटी जंगल आदि से गुजरने पर वे दुर्घटना नहीं होनी देती और अपने भक्तों की रक्षा भी करती हैं! खासकर बरात दुल्हन की विदाई करकर यहां से गुजरने बाद ही आगे बढ़ते हैं !
लगता है भक्तों का ताता
नवरात्र में बंजारी माता के दरबार में भक्तों के द्वारा ,2345, कलशों की स्थापना की गई है,
जिसमें से,2320,तेल के और,25 घी के कलश शामिल हैं, जिसमें जिले सहित जिलों बालाघाट छिंदवाड़ा नरसिंहपुर मंडला जबलपुर सागर होशंगाबाद भोपाल इंदौर बैतूल एवं अन्य सभी जिलों के भक्तों द्वारा मनोकामना ज्योति कलश स्थापित किए गए हैं विसर्जन के बाद यहां पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है
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