आज है सोमवती अमावस्या, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व - revanchal times new

revanchal times new

निष्पक्ष एवं सत्य का प्रवर्तक

Breaking

🙏जय माता दी🙏 शुभारंभ शुभारंभ माँ नर्मदा की कृपा और बुजुर्गों के आशीर्वाद से माँ रेवा पब्लिकेशन एन्ड प्रिंटर्स का हुआ शुभारंभ समाचार पत्रों की प्रिंटिग हेतु संपर्क करें मोबाईल न- 0761- 4112552/07415685293, 09340553112,/ 9425852299/08770497044 पता:- 68/1 लक्ष्मीपुर विवेकानंद वार्ड मुस्कान प्लाजा के पीछे एम आर 4 रोड़ उखरी जबलपुर (म.प्र.)

Monday, February 20, 2023

आज है सोमवती अमावस्या, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

  




हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 20 फरवरी को सोमवती अमावस्या है. यह अमावस्या सोमवार को पड़ रही है और इसलिए इसे सोमवती अमावस्या नाम दिया गया है. हिंदू धर्म में प्रत्येक अमावस्या की तरह ही सोमवती अमावस्या का भी विशेष महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत करती है और आज के दिन पीपल के पेड़ की पूजा विशेष महत्व माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष या कालसर्प दोष है तो उसे सोमवती अमावस्या के दिन स्नान व दान अवश्य करना चाहिए. आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त.
सोमवती अमावस्या 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या 19 फरवरी को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर आरंभ हो चुकी है और 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर इसका समापन होगा. उदयातिथि के अनुसार सोमवती अमावस्या आज यानि 20 फरवरी को मनाई जाएगी. आज सुबह 11 बजकर 3 मिनट पर शिव योग शुरू होगा जो कि 21 फरवरी को सुबह 6 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है और आज शिव योग भी बन रहा है. यह बहुत ही शुभ संयोग है और इस दौरान पूजा करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
सोमवती अमावस्या का महत्व

सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान का विशेष महत्व माना गया है. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि यदि पितरों की आत्मा को शांति मिले और उनका तर्पण विधि—विधान से किया जाए तो व्यक्ति को जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि हासिल होती है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो उसे सोमवती अमावस्या के दिन विधि-विधान के साथ पूजन अवश्य करना चाहिए. इसके अलावा दान करने से भी पितृ दोष का प्रभाव काफी कम होता है.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. रेवांचल टाईम्स इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

No comments:

Post a Comment