आपने देखा होगा कि कई लोग बैठे बैठे पैर हिलाने लगते हैं। कुछ लोगों को तो इस बात का अंदाजा तक नहीं होता कि उनके पैर कब अपने आप हिलने लग जाते हैं। दरअल, यह एक ऐसी आदत बन जाती है कि बैठे बैठे पैर अपने आप हिलने लगते हैं। हालांकि अगर ऐसा लगातार होता हे तो इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि ये किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। जानते हैं उन बीमारियों और उनके कारण के बारे में।
चिंता
बैठे बैठे पैर हिलाने के पीछे कई कारण होते हैं। लेकिन इसके प्रमुख 2 कारण चिंता और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम हैं। दरसल, जब कोई किसी चीज की टेंशन होने पर पैनिक हो जाते हैं तो उससे एंग्जाइटी हो सकती है और आपके पैर हिलना शुरू हो जाते हैं। वहीं रेस्टेलस लेग सिंड्रोम की बात करें तो यहज एक ऐसा सिंड्रोम है जो महिलाओं औ पुरूषों दोनों में पाया जाता है और कई बीमारियों को इंडिकेट कर सकता है।
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है। जब हमारे बॉडी पार्ट्स में दर्द होने लगता है तो हम पैरों को हिलाना शुरू कर देते हैं। पैर हिलाने से थोड़ी राहत मिलती है। जब ये दर्द बार बार होने लग जाए तो समझ जाएं आपको रेस्टलेस लेग सिंड्रोम है। रेस्टेलस लेग सिंड्रोम जेनेटिक होता है। यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चला जाता है। ऐसे में अगर आपको पैर हिलाने की आदत है तो तुरंत इसे छोड़ दें।
क्या है इसका इजाज
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम में आप फिजियोथेरिपिस्ट मी मदद ले सकते हैं। फिजियोथेरेपी से इसमें राहत मिलेगी। वहीं आप मसल्स स्ट्रेचिंग भी कर सकते हैं। इसके अलावा योग करने से भी इस सिंड्रोम से छुटकारा मिल सकता है। अगर आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं और प्रॉपर लेग का मूवमेंट होता है तो भी आप इस सिंड्रोम से खुद को बचा सकते हैं। इसके लिए कोशिश करें कि जब भी आप बैठे हैं तो आप पैर ना हिलाएं क्योंकि ऐसा आप कुछ दिन करते हैं तो आप की आदत बदल सकती है।
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