आज रविवार का दिन है और इस दिन भगवान सूर्यदेव का पूजन किया जाता है. जिस प्रकार अन्य सप्ताह के अन्य दिनों में मां लक्ष्मी, हनुमान जी, गणेश जी, भगवान विष्णु और भगवान शिव का पूजन होता है. उसी प्रकार रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है और शास्त्रों में सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस व्यक्ति पर सूर्यदेव की कृपा होती है उसे समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत करना चाहिए. रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं.
सूर्यदेव की पूजा का महत्व
सूर्य भगवान का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है. सूर्य भगवान को प्रसन्न करने से व्यक्ति अनेक समस्याओं से बाहर आ सकता है. अनेक पुराणों में यह आख्यान भी मिलता है कि ऋषि दुर्वासा के शाप से कुष्ठ रोग ग्रस्त श्री कृष्ण पुत्र साम्ब ने सूर्य की आराधना कर इस भयंकर रोग से मुक्ति पायी थी. ऐसे में मान्यता है कि सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. दरिद्रता व अन्य नकारात्मकता समाप्त हो जाती है. सूर्य आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अत्यधिक चमत्कारी व प्रभावशाली है. शत्रुदमन, रोग शमन और भय से मुक्त करता है.
ऐसे करें सूर्य पूजारविवार के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद देवी-देवताओं का स्मरण कों.
इस दिन व्रत कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि इस व्रत में केवल एक समय ही भोजन किया जाता है.
रविवार के व्रत में भोजन इत्यादि सूर्य प्रकाश रहते ही करना चाहिए.
इस दिन नमकीन तेल युक्त भोजन ना करें.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं.रेवांचल टाईम्स इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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