रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में तीन विधानसभा है जहाँ दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है और एक विधानसभा मंडला विधायक के विधानसभा में विकास की कोई भी योजनाएं नही संचलित
वही जानकारी के अनुसार मंडला विधायक देव सिंह सैयाम और उनका नाम बड़ा चर्चित है। मगर विकास की कहानी अधूरी और बड़ी चर्चित है। जिसमे विधायक जी के द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 को समाप्त होने में 51 दिन ही शेष बचे हैं। इस बीच जिले में विधायको के द्वारा अपने विधानसभा निधि से जो विकास कार्य कराए गए है उन्हें गिनाने के लिए वे एक फिर सक्रिय नजर आ रहे है। मंडला विधायक के पास अभी भी सत्तर से अठारह लाख रुपए हैं। इनमें सबसे कम 77 काम स्वीकृत राशि 233.25 लाख के मंडला विधायक देवसिंह सैयाम के है लेकिन जनवरी तक एक भी काम पूरे नहीं हुए है। बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष विधान सभा मंडला में आवंटन हुए मगर सारे अधूरे है। किसी एक में काम चालू तो हुए है। मगर उनके ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। 31 जनवरी 2023 की स्थिति में उक्त आकड़े
जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग मंडला जानकारी ली गई है।
चुनाव को देखते हुए फिर सक्रिय हुए
विधायक जी
वही विधायक निधि खर्च करने के लिए मंडला विधायक को 1 करोड़ 85 लाख रुपए मिलते थे, लेकिन इस बार चालू वित्तीय वर्ष में यह राशि बढ़ाकर 2.50 करोड़ रुपए कर दी गई। इससे विधायकों को अधिक काम कराने का अवसर मिला है। नियमों के मुताबिक वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में 51 दिन ही शेष बचे हैं। तय समय में विधायकों के सामने विकास को सक्रिय है । मगर मंडला विधायक को विकास उन से कोसों दूर है । उनको विधानसभा में ऐसी कोई भी योजना नही लगाई गई है। की क्षेत्र का विकास हो सके सिर्फ अपने चाहने वालों के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया है। जिसका नितिजा यह है। की विभानसभा में ग्रामीण जनता लगातार पलायन करती है। और ऐसा कोई भी उद्योग नही है। जिसने जनता को रोजगार मिल सके।
मंडला जिले के विधायको के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 खास माना जा रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर फिर सक्रिय हो गए है। यहां निवास संबंधित विभाग के पास तकनीकी जिले के प्रभारी मंत्री बिसाहू सिंह व भाजपा पदाधिकारी अफसरों के साथ गांव गांव विकास यात्राओ को आयोजन कर रहे है।मगर विकास है। कहा जो खोज रहे है।
विधानसभा क्षेत्र में जनमांग पर नाम मात्र के काम
विधायक के द्वारा कार्य और राशि की अनुशंसा के लिए पत्र लिखते है।और विधायक भी अपने अपने क्षेत्र में विकास की योजना तैयार करते है। इसके बाद अनुशंसित काम को विधानसभा के वहां से तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद फाइल कलेक्टर के पास भेजी जाती है। इसके बता दे कि 25 लाख तक कार्यों की रशि 25 से 50 लाख के कार्य कमिश्नर, 50 लाख से अधिक कार्य शासन स्तर मंजूर होते है। राशि और काम को स्वीकृति मिल जाने के बाद संबंधित काम जमीनी स्तर पर शुरू कराने का रास्ता साफ हो जाता है।मगर विधायक निधि के काम की गुणवत्ता और उनके ठेकेदार पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। क्योंकि जो निर्माण कार्य हुए है। वो जमीदोज हो चुके है।
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