रेवांचल टाईम्स - आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में भ्रष्टाचार करने के लिए अधिकारी नए नए तरीके निकाल कर भ्रष्टाचार कर रहे है उन्हें सब पता है कि अंधे बहरों का शहर है कुछ भी करो न कोई सुनने वाला है न कोई देखने वाला है और अगर सुन लिया या दिखे भी लिया उन्हें किये गए भ्रष्टाचार से कुछ गांधी छाप कड़क नोटों को दिखा देगें सब शांत हो जाएगा।
वही जानकारी के अनुसार एक मामला प्रकाश में आया है जहाँ जो पश्चिम सामान्य वन मंडल मण्डला के बम्हनी परिक्षेत्र का है
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी कुछ दिनों पूर्व महाराजपुर परिक्षेत्र में पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर अखिलेश सिंगौर ने अपने खाते में लाखों रुपये अवैध तरीके से डलवाये जिसकी शिकायत पर जांच कमेटी ने जांच रिपोर्ट में दोष सिद्ध होना पाया जिसकी जांच रिपोर्ट वन मंडल अधिकारी को प्रेषित की गई ।
जिसके निराकरण में वन मंडल अधिकारी ने महाराजपुर रेंज में पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर को नारंगी इकाई मण्डला में पदस्थ कर दिए और बम्हनी रेंज में पदस्थ आपरेटर को महाराजपुर रेंज में पदस्थ कर बम्हनी परिक्षेत्र में पदस्थ वनपाल देवेंद्र दुबे परिक्षेत्र सहायक राता की पुत्री देवांशी दुबे को बम्हनी परिक्षेत्र में कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर नियम विरुद्ध आदेश क्रमांक, दिनाँक को आदेश कर कम्प्यूटर आपटेटर के पद पर नियम विरुद्ध रखा गया है जबकि
नियमानुसार विज्ञापन जारी करके आवेदन फार्म भरवाकर योग्य बेरोजगारों को अवसर देने था ।
वही वन मंडल अधिकारी बंसल ने वन विभाग में भ्रष्टाचार करवाने के उद्देश्य से अपने ही अधीनस्थ कर्मचारी जो हमेशा विवादों में रहे हैं उसी की लड़की को आपरेटर के पद पर पदस्थ कर लिए
पश्चिम सामान्य वन मंडल मण्डला में रेन्जो से लेकर वन मंडल कार्यालय तक कम्प्यूटर ऑपरेटरों की भरमार है सभी कम्प्यूटर आपरेटर किसी न किसी अधिकारी/कर्मचारी/बाबुओं के रिश्तेदार हैं।
और बेचारे पढे लिखे बेरोजगार युवक युवतिया पैसा और पकड़ न होने के चलते भटक रहे हैं।
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