मण्डला 10 सितम्बर 2022
स्क्रब टायफस बीमारी से बचाव व नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य
चिकित्सा दल द्वारा स्क्रब टायफस का केस मिलने पर चिकित्सा दल द्वारा नियंत्रण की
कार्यवाही की गई है। ग्राम बरौची विकासखण्ड नारायणगंज में चिकित्सा दल द्वारा
डोर-टू-डोर फीवर सर्वे किया गया जिसमें पॉंजिटिव मरीज के घर पर कोई भी अन्य फीवर
का केस नही मिला। चिकित्सा दल द्वारा लगातार ग्राम बरौंची में निगरानी की जा रही
है। एहतियात हेतु पॉंजिटिव मरीज के सम्पर्क से 6 सीरम सैम्पल संग्रहित कर एनआईआरटीएच जबलपुर भेजा गया है। स्क्रब टायफस
पॉंजिटिव मरीज के घर के भीतर व घर के बाहर आस-पास की घास फूंस एवं झाड़ियों पर कीट
नाशक का छिड़काव किया गया है।
स्क्रब टायफस बीमारी Orientia tsutsugamushi नामक जीवाणु से होती है। यह जीवाणु चूहे के ऊपर रहने वाले
घुन के संक्रमित लर्वा में पाया जाता है। चिग्गर लार्वा के कांटने के उपरांत
मनुष्य में स्क्रब टायफस बीमारी के प्रमुख लक्षण बुखार, सिरदर्द, जोड़ एवं मांस पेशियों में दर्द, प्रकाश से असहनीयता, सूखी खांसी, एक सप्ताह उपरान्त शरीर पर दानें कुछ प्रकरणों में निमोनियां, मस्तिक ज्वर एवं हृदय संबंधी बीमारी प्रकट होते हैं। शरीर के जिन स्थानों पर
संक्रमित लर्वा कटता है। उस स्थान पर दाना उठता है, जो बाद में जख्म बनकर सूखने पर काला धब्बे के समान दिखने लगता है।
स्क्रब टायफस बीमारी केवल चूहे के उपर रहने वाले घुन के
संक्रमित लर्वा के काँटने से फैलता है। यह बीमारी मनुष्य से मनुष्य के सम्पर्क में
आने से नही फैलती है। अतः आम जन को घबराने की जरूरत नही है। केवल जागरूक रहना ही
इसका समाधान है। स्क्रब टायफस से बचाव हेतु खेत जंगल झाड़ियों में जब भी जाएं तो
पूरे कपड़े पहनकर जायें। घांस फुस एवं झाड़ियों पर बैठे या सोएं नहीं तथा घर के
आस-पास की घास-फूस एवं झाड़ियों को कॉंटकर जला देवें। शरीर को साबुन से धोयें और
मोटे कपडे से रगड़कर साफ करें। शरीर पर सिगरेट के जले जैसे दिखने वाले चिन्ह, सिर दर्द,
शरीर दर्द, जोड़ों एवं मांस-पेशियों
में दर्द, तेज बुखार एवं उल्टी-दस्त के लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सक
को दिखाएं। जूनोटिक बीमारी स्क्रब टायफस एवं लेप्टोस्पाईरोसिस बीमारी चूहों द्वारा
फैलती है। अतः बीमारियों के रोकथाम व उपचार हेतु तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र
से सम्पर्क करें।
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