मण्डला 22 मार्च 2022
प्र.उप. संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि जिले में गेंहू फसल की कटाई का कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रायः यह देखा जाता है, कि किसान फसल काटने के पश्चात् आगामी फसल के लिए खेत तैयार करने और अपनी सुविधा के लिए खेत में आग लगाकर तने के डंठल व फसल अवशेष को नष्ट कर देते हैं जबकि नरवाई जलाने से विभिन्न तरह के नुकसान होने की परिस्थिति निर्मित होती है। जिले के सभी किसानों से अपील है कि फसल अवशेषों (नरवाई) को नहीं जलाएं और इसका प्रबंधन करते हुए उसे रोटावेटर एवं अन्य कृषि यंत्रों के माध्यम से भूमि में मिलाकर भूमि के जीवांश पदार्थ की मात्रा में वृद्धि कर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाएं।
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंडला द्वारा बताया गया कि नरवाई में आग लगाने से खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं जससे भूमि की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे नष्ट हो जाती है और उत्पादन में कमी आ जाती है। खेत में पड़े फसलों के अवशेष जैसे- भूसा, डंठल, कड़वी सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं।
No comments:
Post a Comment