रेवांचल टाईम्स:खरगोन. निजी बस की टक्कर से एक युवक की मौत हो गई, इस मामले में पुलिस द्वारा सुनवाई नहीं करने पर परिजन सहित ग्रामीणों ने थाने के गेट पर शव रखकर सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक प्रदर्शन कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
बेडिय़ा थाने क्षेत्र में बीती रात सड़क हादसे में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई। जिसके चलते रविवार को बवाल मच गया। परिजन शव लेकर थाने पहुंचे और सुबह से लेकर दोपहर बाद तक जमकर प्रदर्शन किया। परिजनों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए। दरअसल, परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद वह रात को थाने पर रिपोर्ट लिखवाने पहुंचे। लेकिन यहां पुलिस ने उनकी फरियाद नहीं सुनी और गालीगलौच कर थाने से बाहर निकला दिया। इस घटना से पीडि़त परिवार सहित लोगों में आक्रोश देखा गया। हालांकि उन्हें समझाने के लिए मौके पर पुलिस के आला अधिकारी भी पहुंच गए थे।
जानकारी के अनुसार नरसिंह पिता रेमा बर्मे (45) निवासी जामन्या की मौत को लेकर पूरा घटनाक्रम चल रहा है। परिजनों के मुताबिक मृतक के चार लड़कियां और एक लड़का है। शनिवार शाम को वह बाइक से बड़ी लड़की गायत्री को ससुराल सिरलाय छोडऩे गया था। वहीं वापस लौटते समय ग्राम डाबी के पास निजी यात्री बस ने नरसिंह की बाइक को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। घटना रात 8 बजे हुई थी। जिसके बाद मृतक के परिजन बेडिय़ा थाने पर बस ड्राइवर के विरुद्ध शिकायत करने पहुंचे, तो उनकी सुनवाई नहीं की। उल्टे पुलिस ने थाने से बाहर कर दिया।
उधर, रविवार सुबह मृतक का बेडिय़ा सरकारी अस्प्ताल में पीएम हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद थे। यह अस्पताल से शव लेकर सीधे थाने पहुंचे और यहां गेट के सामने शव रखकर धरना देकर बैठ गए। मृतक के पिता रेमा और भाई छगन ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा हमारी सुनवाई नहीं की गई। मृतक बेहद गरीब परिवार है। उसकी पत्नी व बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसी की थी। ऐसे में परिवार को 10 लाख का मुआवजा दिया जाए। साथ ही आरोपी बस ड्राइवर और मालिक के विरुद्ध केस दर्ज किया जाए।
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