मण्डला। मंगलवार को गीता जयंती के अवसर पर श्री लक्ष्मीनारायण अर्चन यज्ञ रपटा घाट स्थित प्रांगण में एक दिवसीय धर्माचार्य यज्ञाचार्य पं नीलू महाराज द्वारा
किया गया। नीलू महाराज ने बताया कि विश्व शांति जन कल्याण और गौरक्षा हेतु किया गया। यहां अभिषेक के साथ पूजन अर्चन हवन एवं प्रसादी वितरण के साथ सम्पन्न कराया गया। नीलू महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने जिस दिन अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था उसे गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है यानि श्रीमद् भगवद गीता के जन्मदिन के तौर पर इस दिन को देखा जाता है यह शुक्ल एकादशी के दिन मनाई जाती है और इस दिन विधिपूर्वक पूजन व उपवास करने पर हर तरह के मोह से मोक्ष मिलता है यही वजह है कि इसका नाम मोक्षदा भी रखा गया है गीता जयंती का मूल उद्देश्य यही है कि गीता के संदेश का हम अपनी जिंदगी में किस तरह से पालन करें और आगे बढ़े गीता सब तरह के संकटों से प्रत्येक उबारने का सर्वोत्तम साधन है। वही नीलू महाराज ने कहा कि घरों और मंदिरों में भी भगवान कृष्ण और श्रीमद्भगवद्गीता की पूजा की जाती है। इस मौके पर कई लोग व्रत भी रखते हैं इस दिन गीता के उपदेश पढऩे और सुनने का खास महत्व होता है। गीता जयंती के अवसर पर धर्मप्रेमी समाजसेवी उपस्थित थे
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