रेवांचल टाईम्स :- राष्ट्रीय कवि सङ्गम मध्यप्रदेश का चतुर्थ संभागीय अधिवेशन सम्पन्न मण्डला इकाई की रही श्रेष्ठ प्रस्तुति।
विगत दिवस - राष्ट्रीय कवि संगम मध्यप्रदेश का चतुर्थ महाकौशल अधिवेशन, जबलपुर के जानकी रमण महाविद्यालय में ऐतिहासिक सफलता के साथ संपन्न हुआ। राष्ट्रीय कवि सङ्गम के राष्ट्रीय संरक्षक, विश्वप्रसिद्ध कवि व चित्रकार बाबा सत्यनारायण जी मौर्य मुम्बई, राष्ट्रीय मंत्री, महेश शर्मा, वरिष्ठ कवि और राष्ट्रीय कवि सङ्गम म.प्र. के संरक्षक मनोहर मनोज, रा.क.सं. के प्रांतीय अध्यक्ष शंभू सिंह 'मनहर', सुविख्यात संचालक और ओज के लोकप्रिय कवि, रा.क.स. मध्यप्रदेश के संरक्षक श्री शशिकांत यादव, प्रदेश महामंत्री मनीष तिवारी, अभिनेष अटल, जबलपुर जिला इकाई की अध्यक्ष सुविख्यात कवयित्री डॉ अम्बर जी प्रियदर्शी, वरिष्ठ कवि श्री मोहन शशि, विख्यात कवि श्री राकेश जी राकेंदु की गरिमामयी उपस्थिति में मण्डला जिले के 09 सदस्यों ने काव्यपाठ किया जिसमें आद. कोसल्या चौहान जी ने देशभक्ति गीत 'हिमालय की शान को रखना संभाल के....', आद. मालती लखेरा ने स्वदेशी प्रेम दर्शित सुंदर रचना 'तन मन हो स्वदेशी जीवन हो स्वदेशी', आद. हेमंत श्रीवास्तव 'अश्रुज' की भक्तिभाव से ओतप्रोत कृति 'हरि याद तुम्हारी लेकर मैं, वन का वनचर बन घूम चुका', श्रीमती रश्मि मिश्रा ने मातृभाषा हिंदी के संदर्भ में रचना 'मैं हिंदी मेरी व्यथा बड़ी', श्रीमती गीता साहू ने शानदार गजल 'शब्दों की शब्दावली से ढूंढ-ढूंढ कर शब्द लिया', श्रीमती कल्पना पाण्डेय ने देश प्रेम से भरा गीत 'जागो नौजवान हिन्द को जगाते चल पड़ो', श्रीमती अन्नपूर्णा त्रिपाठी ने भावपूर्ण कविता 'तुम कोयला हो, मुझसे जलते हो' एवं जिला अध्यक्ष रेखा ताम्रकार 'राज' ने राष्ट्रीय कवि संगम के उद्देश्यों को जागृत करता गीत हम राष्ट्रीय कवि संगम से जुड़ जायेंगे....।' सुनाया। सभी ने अपनी बेहतरीन, सुंदर प्रस्तुति देकर उपस्थित अतिथिगण व सदस्यों से भरपूर वाववाही व तालियाँ बटोरी। ज्ञात हो कि उक्त अधिवेशन में 10 जिलों से पहुँचे कवि/ कवयित्रियों का अद्भुत समर्पण भाव और राष्ट्रवाद से ओतप्रोत अविस्मरणीय काव्यपाठ हुआ जिसमें मण्डला जिले की प्रस्तुति श्रेष्ठ रही। अधिवेशन में उपस्थित समस्त कवि/कवियित्रियों को मंचासीन अतिथियों के द्वारा स्मृति चिंह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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