रेवांचल टाइम्स - 12 जनवरी नभाप्र. जिले के नौ विकासखंडों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य गांव के किशोर, किशोरियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। जिससे आने वाले समय में किशोरों को युवास्था में शरीरिक, मानसिक परेशानी का सामना ना करना पड़े। जिले में कार्यक्रम का संचालन कार्ड संस्था द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रशिक्षित परामर्शदाता और प्रशिक्षकों द्वारा ग्रामों में जाकर किशोर, किशोरियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान कर रहे है।जानकारी अनुसार कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम स्तर में बनाए गए किशोर, किशोरी साथिया को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेटिव किट का वितरण किया जा रहा है। जिससे साथिया में उत्साह बढ़े और कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्य कर सके। इंसेटिव कार्यक्रम का आयोजन ग्राम मधुपुरी के घोड़ाघाट में प्रशिक्षक द्वारा आयोजित किया गया। साथिया मिलन समारोह में स्वास्थ्य विभाग से जिला समन्वयक अर्जुन सिंह, परामर्शदाता श्रीमति संजना राय, नेहा पटेल, प्रशिक्षक दुर्गेश चंद्रौल, चित्रा धनगर, जतन कार्तिकेय, शोभना कांड्रा, हेमकरण भांवरे, फूलवती तेकाम, जयदीप धुर्वे, हिना सोनवानी, रविशंकर झारिया, नीलू लोधी आशा कार्यकर्ता और 16 गांव के साथिया मौजूद रहे नशे का पड़ता है दुष्प्रभाव जिला समन्वयक अर्जुन सिंह ने किशोर किशोरियों को बताया कि नशीले पदार्थ का सेवन करने से मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। नशीले पदार्थों के दुरुपयोग से असुरक्षित यौन व्यवहार जैसे अनेक जोखिम में जुड़े हो सकते हैं। जिससे अनचाहे गर्भ, आरटीआई , एसटीआई, एचआईवी यौन र्दुव्यवहार का सामना करना पड़ सकता है। नशे की लत से वाहन चलाते समय दुर्घटना भी हो सकती है। साथ नशीले पदार्थो के सेवन से गंभीर कैंसर जैसी बीमारी, लीवर खराब हो सकता है। आगे बताया कि शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए व्यायाम, योगा, नृत्य, मार्शल आर्टस, खेल कूद के माध्यम से हम अपने आप को स्वस्थ रख सकते है। इससे हमारा आत्मबल भी बढ़ता है। इस उम्र में सीखने की क्षमता अधिक होती है, जिसेहम सकारात्मक रूप से क्रियान्वयन कर सकते है।
समस्याओं का सकारात्मक रुप से निराकरण कर सकते है :
कार्यक्रम में उपस्थित साथिया को परामर्शदाता संजना राय ने मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए बताया कि मानसिक स्वास्थ्य किशोरावस्था में बढ़ती चिंता का कारण है। इस अवस्था में चिंतित होने एक सामान्य प्रक्रिया है। किशोर, किशोरियों को बताया कि किशोरावस्था कई किशोरों के लिए तनाव का दौर होता है। अक्सर किशोरो को परीक्षा के समय डर और अपने कैरियर के लिए चिंता होती है। लेकिन इसे हमें नाकारात्मक नहीं सोचना है। आगे बताया कि इस किशोरावस्था में अक्सर किशोरों को अपने शारीरिक परिवर्तनों को लेकर चिंता होती है। वही विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बढऩे लगता है, अच्छे स्कूल और कॉलेज में जाने की चिंता होने लगती है। इस दौरान साथिया ने पूछा कि किशोरावस्था में आने वाली समस्याओं, चिंता को कैसे दूर कर सकते है इनके सवालों का जबाव बड़ी सहजता के साथ परामर्शदाता ने दिया। उन्होंने कहा कि समस्या समाधान की क्षमता होने से व्यक्ति अपने जीवन की समस्याओं का सकारात्मक रुप से निराकरण कर सकता है अनसुलझी समस्याएं मानसिक तनाव पैदा करती हैं और इससे व्यक्ति थकान सिरदर्द होने लगता है। ऐसी स्थितियों में किशोरो को अपने साथिया, माता-पिता, रिश्तेदारों,चिकित्सक से बात करके समस्या को सुलझाने की कोशिश करना चाहिए, जिससे उनकी समस्या का बेहतर तरीके से समाधान हो सकेगा किशोर, किशोरी साथिया को दिये इंसेटिव किट राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ कार्यक्रम के अंतर्गत ब्लाक मंडला के ग्राम मधुपुरी के घोड़ाघाट में साथिया के उत्साहवर्धन के लिये कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 16 ग्राम के किशोर-किशोरी साथिया मौजूद रही। कार्यक्रम में उपस्थित साथिया द्वारा अपने ग्राम में कार्यक्रम के अंतर्गत किये जा रहे कार्य को साझा किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले साथिया का उत्साहवर्धन कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मौजूद साथिया को जिला समन्वयक अर्जुन सिंह, काउंसलर संजना राय, नेहा पटेल समेत उपस्थित अतिथियों द्वारा इंसेटिव के रूप में एप्रेन, केप, छाता, टी शर्ट और लोबर दिया गया।
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