रेवांचल टाईम्स :- केंद्र से लेकर राज्य और राज्य से लेकर धान खरीदी केंद्र तक इन अन्न दाताओं को परेशान होता देखा जा सकता है।
इसका ताजा और आँखों देखा हाल है निवास धान खरीदी केन्द्र का।
एक ओर जहाँ धान खरीदी केन्द्रों में वारदाना हैं ही नहीं जिसके चलते पुराने सड़े गले बोरों में धान भरकर भण्डारण किया जा रहा है उक्त बोरियों को जैसे ही हम्मालों द्वारा कटिया से उठाया जाता है वैसे ही धान कई छेदों से गिरने लगती है,जिसके कारण शासन और किसान दोनोँ का नुकसान हो रहा है। इस स्थिति में किसान और मंडी के कर्मचारियों के बीच असहज स्थिति उत्पन्न हो रही है, वहीँ अपनी धान बेकने आये किसानों को दो दो ठण्ड भरी रातों में अपनी उपज की चौकीदारी करनी पड़ रही है।
ये अलग बात है कि कुछ रसूखदार अपनी और अपने मातहतों की उपज को फोन के माध्यम से ही तत्काल बिक्री करवाने में सफल हो रहे हैं।
क्षेत्र के माननीय जन प्रतिनिधियों से किसानों ने की अपील है की इस ओर भी ध्यान दें।
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